रीवा / इंडियन एयरफोर्स की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने इतिहास रच दिया है। वो फाइटर प्लेन को अकेले उड़ाने वाली देश की पहली महिला फाइटर पायलट बन गई हैं। अवनी ने गुजरात के जामनगर में अपनी पहली ट्रेनिंग में अकेले मिग-21 बाइसन फाइटर प्लेन उड़ाया।

आपको बता दे कि अब तक दुनिया में सिर्फ ब्रिटेन, अमेरिका, इजरायल और पाकिस्तान में ही महिलाएं फाइटर पायलट बन सकती हैं। वायुसेना के एयर कमांडर प्रशांत दीक्षित ने बताया कि भारतीय वायुसेना और देश के लिए यह अनोखी उपलब्धि है। भारत सरकार ने महिलाओं को 2015 में फाइटर पायलट बनने अनुमति दी थी। देश में 1991 से ही महिलाएं हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ा रही हैं, लेकिन फाइटर प्लेन से उन्हें दूर रखा जाता था।
अवनी चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के रीवा की रहने वाली है। अवनी ने स्कूली शिक्षा शहडोल के दियोलैंड से की है। 2014 में राजस्थान के वनस्थली यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। अवनी ने हैदराबाद की वायु सेना अकादमी से पढ़ाई की है और भारतीय वायु सेना की परीक्षा पास की। अवनी के पिता मध्य प्रदेश सरकार में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं। उनके भाई आर्मी कैप्टन है। अवनी को कॉलेज में पढ़ाई करते समय फ्लाइंग क्लब में विमान में उड़ने का मौका मिला। इसके बाद उन्होंने तय किया कि वह भारतीय वायुसेना में पायलट बनेंगी। अवनी को टेनिस खेलना और पेंटिंग करना भी पसंद है। अवनी जून 2016 में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू स्क्वाड्रन में शामिल हुई थी। अवनी को मोहना सिंह और भावना कंठ के साथ पहली बार लड़ाकू पायलट घोषित किया गया था।