पेंड्रा / अमित जोगी को आज रायपुर के बालाजी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करने के बाद कड़ी पुलिस सुरक्षा के साथ पेंड्रारोड के व्यवहार न्यायालय में पेशी के लिए लाया गया। जहा व्यवहार न्यायालय में अमित ने अपनी पैरवी खुद की पेशी के बाद पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच अमित को पेंड्रारोड उप जेल दाखिल कर दिया है वही अमित व्हीलचेयर के साथ जेल दाखिल किया गया।
न्यायालय ने अमित जोगी को पुलिस विवेचना पूर्ण न होने की बात का उल्लेख कर न्यायिक अभिरक्षा में रखा है और 30 सितंबर तक अमित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वही अमित के द्वारा न्यायालय में अपनी स्वास्थ्य खराब होने की बात कही थी जिस पर न्यायालय ने जेल प्रशासन को जेल मेनुवल के अनुसार अमित को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के निर्देश जेल प्रशासन को दिए है।
दरअसल धोखाधडी के मामले में अमित जोगी को 3 सितंबर कोर्ट में पेश किया गया था जहां से न्यायालय के आदेश पर अमित जोगी को जेल भेज दिया गया था और उनकी स्वास्थ्य खराब होने पर जेल अभिरक्षा में अमित को पहले बिलासपुर अपोलो और फिर वहां से सीधे रायपुर के बालाजी हॉस्पिटल भेजा गया था जिसके बाद आज सुबह कड़ी पुलिस सुरक्षा के साथ बालाजी हॉस्पिटल से सीधे पेंड्रारोड के व्यवहार न्यायालय में पुलिस ने अमित को पेश किया। जहां पर अमित जोगी एम्बुलेंस से उतरकर व्हीलचेयर से कोर्ट पहुचे जहा पर उन्होंने मामले में अपनी पैरवी करते हुए तर्क देते हुए कहा कि मेरे विरुद्ध जो मामला लाया गया है वह सीआरपीसी की धारा 195/340 की प्रकृति का है ऐसे मामले में केवल पीठासीन अधिकारी सीधे एफआईआर करा सकते है जबकि मेरे खिलाफ प्रत्यासी रही समीरा पैकरा ने मामले एफआईआर दर्ज कराया है जो कि विधि सम्मत नही है ऐसे मामले में सीधे थाने में एफआईआर दर्ज नही कराया जा सकता बहस के दौरान अमित जोगी ने पीठासीन अधिकारी के समक्ष दिए शपथ पत्र की प्रमाणित छायाप्रति भी जमा कराई और कहा कि दूसरा पक्ष चाहे तो इसका अवलोकन भी कर सकता है आज मेरे मामले पर रिमांड खत्म हो रही है इसलिए मेरा निवेदन है कि मुझे जमानत दी जाए फिर भी यदि मुझे जमानत नहीं दी जाती तो स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन मुझे स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराए साथ ही मेरे खिलाफ दर्ज एफ आई आर की कॉपी भी मुझे उपलब्ध कराई जाए जो कि मुझे अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है जिस पर न्यायालय न्यायालय ने एफ आई आर की कॉपी अपलोड करने के लिए थाना प्रभारी को निर्देशित किया है साथ ही पुलिस की ओर से कहा गया है कि मामले में अभी जांच जारी है इसलिए जमानत ना दी जाए जिस पर व्यवहार न्यायालय ने फिलहाल अमित जोगी की रिमांड 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है।
जिसके बाद अमित जोगी को पेंड्रारोड उप जेल में शिफ्ट कर दिया गया है साथ ही अमित जोगी के दरखास्त पर जेल मैनुअल के हिसाब से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के जेल प्रशासन को निर्देशित किया है।