नई दिल्ली / देश में कोरोना महामारी के खिलाफ शुरू किए गए टीकाकरण अभियान को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सफल बताया है। शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। पहले चरण में देश के स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जा रहा है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की वैक्सीन टीके के साथ इस टीकाकरण अभियान शुरू किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि टीकाकरण अभियान का पहला दिन काफी सफल रहा है और अभी तक टीके का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं आया है। दिन भर में टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शनिवार शाम 5:30 बजे तक पूरे देश में 1,65,714 लोगों को कोविड वैक्सीन का टीका लगाया गया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पहले दिन 3351 सत्र में टीकाकरण का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस दौरान दोनों वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया। कोविशिल्ड की आपूर्ति सभी राज्यों में की गई है, जबकि कोवैक्सीन के डोज सिर्फ 12 राज्यों में भेजे गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि चूंकि यह टीकाकरण का पहला दिन था इसलिए कुछ समस्याएं भी सामने आईं, लेकिन किसी को वैक्सीन के साइड इफेक्ट नहीं दिखे हैं। टीकाकरण कार्यक्रम के संचालन में कुछ व्यवस्थागत खामियां जरूर देखी गई है। पहले दिन देशभर में कुल 16,755 कर्मचारियों ने इस महाभियान में मदद की।
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लेकर सियासी हस्तियों की ओर से भी सवाल उठाए जाने पर जहां एक तरफ सियासत हो रही है। वहीं दूसरी ओर कंपनी ने वैक्सीन को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है। हालांकि देश के वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सवाल उठाने वालों को करारा जवाब भी दिया है। इस बीच कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि अगर उसकी कोरोना वैक्सीन लेने के बाद किसी पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है तो वह पीडि़त व्यक्ति को मुआवजा देगी।
गौरतलब है कि भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के नाम से स्वदेशी टीका विकसित किया है, जिसकी 55 लाख डोज सरकार ने खरीदे हैं और टीकाकरण अभियान में इसका उपयोग हो रहा है। हालांकि की पहले दिन के टीकाकरण कार्यक्रम में कोवैक्सीन के कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आए हैं।