कोरिया / पिछले सात अक्टूबर को निलबंन आदेश जारी हो चुका है आदेश निकले 15 दिन बीत चुके है वावजुद इसके डिप्टी डायरेक्टर डॉ आरएस बघेल उप संचालक की कुर्सी पर विराजमान है और शासन के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं। यही नही बाकयदा शासकीय कार्य करते आज भी नजर आ रहे है।
निलबंन आदेश जारी होने बाद भी अनजान बने डॉ बघेल खुद को आज भी उप संचालक मान शासकीय कामकाजो का संचालन ऐसे कर रहे जैसे कुछ हुआ ही नही। निलंबित अधिकारी के कुर्सी पर बैठ इस तरह कार्य करने की चर्चा विभाग से लेकर पूरे जिले मे आज जोरों पर है।
उल्लेखनीय है कि कोरिया जिले के पशुपालन विभाग में पदस्थ डिप्टी डायरेक्टर डॉ आरएस बघेल को उनके कोरबा जिले में पदस्थाना के दौरान किये गए अनियमितता के बाद बीते सात अक्टूबर को इन्हें शासन ने निलंबित कर संचालनालय पशु चिकित्सा सेवाएं रायपुर अटैच कर दिया गया था। आदेश जारी के 15 दिन बीत गए लेकिन डॉ बघेल अब भी डिप्टी डायरेक्टर की कुर्सी से ऐसे चिपके है जैसे कुर्सी उनके घर की हो। अपने निलबंन से जानबूझकर अनजान बने डॉ बघेल अभी तक वाहन का उपयोग सहित कर्मचारियों से वैसे ही कार्य ले रहे है जैसे डिप्टी डायरेक्टर रहने के दौरान रुतबे से लिया करते थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इनके द्वारा निलंबन अवधि में भी कार्यालयीन दस्तवेजों में उप संचालक के स्थान पर हस्ताक्षर कर रहे है, यही नही विगत दिवस कलेक्टर कोरिया को प्रेषित नोटशीट में इन्होंने कुछ गलत जानकारी देकर कलेक्टर को भ्रमित करने प्रयास किया है जो जांच का विषय है।
आपको बता दे कि डॉ बघेल द्वारा कोरिया में भी पशु औषधि सहित अन्य उपकरणों की खरीदी में भारी अनियमितता किया गया है लगातार शिकायत के बाद मामला विधानसभा तक पहुँचा, शासन स्तर से शिकायतों पर दो बार जांच टीम भी कोरिया इनके करतूतों की जांच करने पहुँची और जांच कर चली भी गई लेकिन नतीजा अभी तक कुछ भी नही आया है,ऐसे में डॉ बघेल का दफ्तर में बैठना कई संदेहों को जन्म देता है। जानबूझकर कार्यालय में इनके बैठने के पीछे की मंशा को शासन को अविलंब संज्ञान में लेना चाहिए नही तो अपने कारगुजारियों पर पर्दा डालने डॉ बघेल कार्यालय में रखे जरूरी दस्तवेजों से छेड़छाड़ भी कर सकते हैं।