00 बैकुंठपुर क्षेत्र को हुआ 6 करोड़ का नुकसान
कोरिया / देश की कोयला खदानों में आहूत दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पूरे होने पर संयुक्त कोयला मजदूर संघ एटक यूनियन के केंद्रीय महामंत्री व जेबीसीसीआई सदस्य हरिद्वार सिंह ने हड़ताल की सफलता पर सभी श्रमिक साथियों को बधाई देते हुए कहा की कोयला खदानों में कार्यरत श्रम संगठनों के द्वारा अपनी 32 सूत्री मांगों के समर्थन में आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल ऐतिहासिक रही। इस आंदोलन में श्रमिकों ने भरपूर समर्थन दिया। इस हेतु सभी श्रमिक साथी बधाई के पात्र हैं।
एसईसीएल की 90 खदानों में 2 दिनों तक पूरी तरह उत्पादन ठप रहा। इस हड़ताल की वजह से एसईसीएल को लगभग 500 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा। इसकी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ कोयला प्रबंधन की है प्रबंधन की हठधर्मिता एवं तानाशाही रवैया के खिलाफ मजदूरों को यह हड़ताल करना पड़ा है। सरकार के इशारे पर हड़ताल तोड़ने का घृणित कृत्य करने वाले यूनियन भारतीय मजदूर संघ को श्रमिकों ने पूरी तरह नकार दिया है।
बैकुंठपुर क्षेत्र अंतर्गत चरचा कॉलरी, पंडोपारा, झिलमिली कटकोना कालरी की खदानों से प्रतिदिन औसतन 5000 टन कोयले का उत्पादन किया जाता है। इस में सर्वाधिक योगदान चरचा कॉलरी को होता है। चरचा कॉलरी की खदानों से पूरे दिन लगभग 3000 टन से अधिक कोयला का उत्पादन किया जाता है। इस प्रकार 2 दिनों में 6000 टन कोयले का उत्पादन प्रभावित हुआ हैं। इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल से अकेले बैकुंठपुर क्षेत्र को 2 दिनों में लगभग 6 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ।
हड़ताल को सफल बनाने हेतु श्रम संघ प्रतिनिधि एमएच खान, इंद्रजीत पाल, महेश यादव, अशोक लाल निर्मलकर, राकेश शर्मा, हेमसागर यादव, रियाज अहमद, आईडी चौहान, ज्ञानेंद्र पांडे, शिव कुमार, अशोक नायडू, राम चंद्र गोप, कांग्रेस पोलाई, हफीज अंसारी आदि विशेष रूप से सक्रिय रहे।