बलरामपुर – राजपुर से रंजीत सोनी की रिपोर्ट / लगातार सड़कों पर कई सड़क हादसे से गाय, बैल, बकरी व कुत्तों को बचाने के कारण होते हैं। राजपुर नगर पंचायत में गौ पालकों ने अपनी सारी हदें पार कर दी है। ये लोग सिर्फ अपने स्वार्थ पुर्ती के लिए गाय-बैलों को पाल रहे हैं इन्हें सिर्फ इनसे मिलने वाले फायदों से सरोकार है। गौ पालक मवेशियों को खिलाने पिलाने में असमर्थ साबित हो रहे हैं, जिससे इन्हें आवारा ढ़ंग से शहरों में विचरण कर अपनी भुख मिटाना पड़ रहा है और रात्रि में इनका विश्राम का ठिकाना सड़क, चौक चौराहा व सड़क किनारे बने दूकानो के सैड में होता है।
रात में भारी वाहनो का आवागमन बहुतायत रुप से होता है। सड़कों पर अपना बसेरा बनाये इन बेजुबान जानवरों को इनका शिकार होना पड़ता है। ऐसा ही घटना हमे लगातार देखने को मिल रही है जहां भारी वाहनों की ठोकर से कई गौं की जान चली गई है, इन गौं के पालक इतने लापरवाह हैं की इनका पता साजी भी नही करते हैं कि हमारे मवेशी हैं कहां…? इन मृत गौं की स्थिति ऐसी हो जाती है कि सड़क पर पड़े पड़े कुत्ते भी नोच – नोच कर खा जाते हैं।
राजपुर नगर पंचायत के द्वारा ऐसे आवारा हुए पशुओं के लिए कांजी हाऊस का निर्माण कराना चाहिए और पशु मालिकों पर ऊपर शख्ती से जुर्माना दण्ड लगाना चाहिए। जो कि हमारे नगर पंचायत में ऐसी व्यवस्था नही दी गई है ,यहां के अधिकारि व जनप्रतिनिधि के द्वारा कोई भी प्रयास नही किया जा रहा है।
पुलिस प्रशासन के द्वारा भी सड़कों पर घुम रहे आवारा पशुओं के प्रति कोई ठोस कदम नही ऊठाया जा रहा है। आज कई शहरों और क्षेत्रों में गौ रक्षकों की फोटो जनिक कहानियां सोशल मिडीया पर वायरल होतीं हैं। लेकिन वास्तविक में क्या है देखना अभी शेष है।