केशकाल से वरेन्द्र सिरसांट की रिपोर्ट / उच्च न्यायालय बिलासपुर छ0ग0 द्वारा राज्य शासन को कडी निर्देश देते हुये राज्य भर में संचालित झोला छाप डाॅक्टरों पर कार्यवाही करते हुये उनके द्वारा संचालित संस्थाओं को सील करने का निर्देश के तहत राज्य शासन के निर्देश पर जिले के समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के संयुक्त टीम द्वारा जिला भर में छापामारी करते हुये क्षेत्र में आवैधानिक रूप से ईलाज के नाम पर गरीबों का आर्थिक शोषण कर उनके मौत के मुह में ढकैलने का कार्य को देखते हुये कोण्डागांव जिला के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जिले के समस्त राजस्व अधिकारियों का दल के साथ ग्रामीण क्षेत्र में संचालित झोला छाप डाॅक्टरों के संस्थाओं पर छापामारी करते हुये उनके संस्था को तहसीलदार व एसडीएम की उपस्थिति में सील बंद करते हुये रोक लगाने का प्रयास किया गया था।
हौसला बुलंद कर बंद संस्था के पिछे से कार्य जोरो पर… वही झोला छाप डाॅक्टरों का मनोबल शासन के इस कार्यवाही से कम होने के बजाय इनके हौसले अधिक बुलंद होने के साथ-साथ बंद संस्था के पीछे दरवाजे से अपना अवैधानिक रूप से कार्य को अंजाम देने का सिलसिला जोरो पर है। सुचना के अधिकार से ली गई जानकारी अनुसार कोण्डागांव जिले में इसी प्रकार करीब 86 डॉक्टर है।उल्लखनीय हो कि जिले भर में संचालित 86 आवैधानिक संस्थाओं में कार्यरत संचालक डाॅक्टरों में अधिकांश आठवी से लेकर 10वीं तक की योग्यता वाला है। क्या इनको ईलाज के नाम पर किसी गरीब जिन्दगी के साथ खिलावाड करने का योग्यता रखता है? शासन स्तर पर सिल बंद के उपरांत भी गांव-गांव में घूम-घूम कर ईलाज के नाम से गरीब जिन्दगी के साथ खिलावाड करते हुये हजारों रूपया फिस के नाम से लेकर उन्हे शारिरीक एवं आर्थिक रूप से शोषण किया जा रहा है।प्रशासनिक कार्यवाही के उपरांत भी पहले से और बुलंदी के साथ ऐसे झोला छाप डाॅक्टर आज भी जिले भर में ग्रामीण क्षेत्र की गरीबों के जिन्दगी के साथ खिलवाड करने का हौसला बुलंद है। साथ ही वनांचल क्षेत्र के ग्रामीण झोला छाप डाॅक्टर के गलत ईलाज से उनके जान तक जाने का खतरा रहता है।क्या झोला छाप डाॅक्टर को गांव-गावं घूम कर ईलाज करने की योग्यता के साथ इन्हे शासन द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था से प्राईवेट प्रैक्टिस करने का अनुमति प्राप्त है। गांव में झोला छाप डाॅक्टर उनके शरीर की जांच एवं जानकारी के बिना अपने हिसाब से ईलाज करके हजारों रूपाय ऐठने का कार्य जोरो पर है। वर्षा मौसम के पहले जिला प्रशासन के पास जिन 86 झोला छाप डॅाक्टरों की सूची है, उन्हीं जगहों पर जाकर संबंधित डाॅक्टरों के उपर ठोस कार्यवाही करने पर ही इस प्रकार संचालित घोरक धंधा समाप्त होने के साथ साथ क्षेत्र की गरीब लोगों की जान भी बचने की संभावना है। जिला प्रशासन द्वारा जनहित में जारी इस समाचार के उपरांत भी ठोस कार्यवाही नहीं करने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला कोण्डागांव से सूचना अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी सूची जो 86 झोलाछाप डाॅक्टरों की सूची अगले अंक में सर्वाजनिक किया जायेगा।