रायपुर / अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2018 को छत्तीसगढ़ के सभी जिला एवं ब्लाक मुख्यालयों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने जानकारी दी है कि इस अवसर पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मूर्ति पर मार्ल्यापण का कार्यक्रम किया जायेगा और संध्या को कस्बे या नगर के मुख्य मार्गां पर गांधी जी के संदेशों लिखे पोस्टर बैनर लेकर शांति मार्च किया जाएगा। महात्मा गांधी जी के आदर्श, जीवनी, त्याग, बलिदान एवं राष्ट्रहित में योगदान पर विचार गोष्ठी का आयोजन भी किया जायेगा, जिसमें देश में आज के संदर्भ में सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक क्षेत्रों में गांधी जी के विचार की प्रासंगिकता को रेखांकित किया जाएगा।
2 अक्टूबर 2018 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 150वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रमों में वरिष्ठ कांग्रेसजनों, सांसदों, पूर्व सांसदों, विधायकों, पूर्व विधायकों, प्रदेश जिला एवं ब्लाक पदाधिकारियों, विधानसभा समन्वयकों, मोर्चा संगठन, प्रकोष्ठ, विभाग के प्रदेश जिला तथा ब्लाक पदाधिकारियों, सोशल मीडिया के प्रशिक्षित सदस्यों, नगरीय निकाय, पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, सहकारिता क्षेत्र के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं तथा अन्य स्वायत्तशासी संस्थाओं के पदाधिकारियों की सहभागिता से कार्यक्रम में सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किये गये हैं।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने जानकारी दी है कि कांग्रेस ने ग्रामीण इलाकों में निवास करने वाले सभी कांग्रेसजनों को आव्ह्ान किया है कि 2 अक्टूबर को आयोजित ग्राम-सभा में हम सब अपने-अपने गांव की ग्रामसभा में भागीदार बने। ग्राम-सभा में गांधी जी के ग्राम-स्वराज की अवधारणा को सशक्त करने लिए संकल्प पारित करवायें। पंचायतीराज सभाओं के अधिकारों पर डाका डालने की नीति का व्यापक विरोध होना चाहिए। वर्तमान केन्द्रीयकरण के ताकतों के खिलाफ संघर्ष की अपनी प्रतिबध्दता को दोहराये, यही कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के प्रति सच्ची श्रध्दांजली होगी।
2 अक्टूबर 2018(मंगलवार) को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का 150वां जन्मवर्ष प्रारंभ हो रहा है। राष्ट्रपिता बापू मानते थे समाज के पंक्ति में अंतिम छोर में खड़े व्यक्ति का सत्ता में भागीदारी के बिना राजनैतिक आजादी अर्थहीन है। लोकतंत्र में केन्द्र में उपर बैठे 10 लोगों के द्वारा संचालित नही हो सकता, लोकतंत्र को तो, गांव-गांव से यानी हमारे नींव से संचालित होना होगा, ग्राम-स्वराज इसी का माध्यम है। गांधी जी के इस विचारों को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आगे बढ़ा रही है। किन्तु केन्द्र की मौजुदा सरकार का विश्वास विकेन्द्रीकरण के विपरीत सत्ता के केन्द्रीयकरण में है, जिसका ग्राम-सभाओं के माध्यम से सशक्त जवाब देने का निर्णय भी लिया गया है।
कांग्रेस ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी जी की प्रेरणा से 73वां-74वां संविधान संशोधन, जो उनके शहादत के बाद पारित हुआ, जिससे पंचायतों एवं नगरीय-निकायों को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ तथा महिला, अनुसूचित जाति, जनजाति को एक निश्चित प्रतिनिधित्व मिला है। भाजपा की सरकारें पंचायतों के अधिकारों में कटौती कर ग्राम-स्वराज की अवधारणा को रोकने का प्रयास कर रही है।