रायपुर / छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के विभिन्न उपक्रमों, कारखानों, उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों एवं कर्मचारियों के हित में निर्णय लेते हुए उनकी सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किया गया है। सरकार के इस फैसले से उद्योगों में कार्यरत श्रमिक जो कड़ी मेहनत कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं, उनके चेहरे खुशी से खिल गये है।

छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले से बिलासपुर जिले के उद्योगों में कार्यरत लगभग 10 हजार कर्मचारियों एवं श्रमिकों को फायदा होगा। छत्तीसगढ़ औद्योगिक नियोजन अधिनियम 1961 एवं छत्तीसगढ़ औद्योगिक नियोजन नियम 1963 उन संस्थानों पर लागू है जिनमें पिछले 12 माह के दौरान 30 या अधिक श्रमिक नियोजित होते हैं। उक्त अधिनियम एवं नियम के तहत वर्तमान में कर्मचारियों एवं श्रमिकों की सेवानिवृत्त आयु 58 वर्ष है। जिसे बढ़ाकर 60 वर्ष करने की कार्यवाही श्रम विभाग द्वारा की गई है।

सरकार के इस फैसले पर सिरगिट्टी औद्योगिक प्रक्षेत्र बिलासपुर स्थित बीईसी फर्टिलाइजर्स कारखाने में इलेक्ट्रीशियन का कार्य करने वाले 56 वर्षीय श्री मोहम्मद मुस्तीम ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि 2 वर्ष की सेवा और बढ़ने से अब वह अपनी बेटी के सपनों को पूरा कर पायेगा। उसकी बेटी कॉलेज में अंतिम वर्ष में पढ़ रही है तथा आगे वह पीएचडी करना चाहती है। उसकी सेवानिवृत्ति नजदीक होने के कारण वह दुखी था कि बेटी के सपने को कैसे पूरा कर पायेगा। लेकिन सरकार के इस फैसले ने उसकी मुश्किलें दूर कर दी हैं।

इसी कारखाने में हाईस्कील मेशन का कार्य करने वाले 56 वर्षीय श्री लक्ष्मीनारायण सोनकर पिछले 33 वर्ष से कार्यरत हैं। उसकी पत्नी लकवाग्रस्त है और उसके 4 बच्चे विवाह योग्य हैं। सेवानिवृत्ति के लिये 2 वर्ष बचे थे, इसलिये चिंता हो रही थी कि उसकी सारी जमा पूंजी बच्चों के विवाह और पत्नी के इलाज में खर्च हो जायेगा, तो वह आगे का जीवन कैसे गुजारेगा। लेकिन लक्ष्मी को भी सरकार के फैसले से बड़ी राहत मिली है।
इस संस्थान में 36 वर्ष पहले हेल्पर का काम करने वाले 55 वर्षीय श्री ईश्वर प्रसाद बंजारे आज पदोन्नति पाकर हाईस्कील आपरेटर का काम कर रहे हैं। 58 वर्ष आयु तक की सेवा पश्चात वे इसी पद पर सेवानिवृत्त हो जाते। लेकिन अब वह फोरमेन बनकर सेवानिवृत्त होंगे। वह खुश है कि सरकार के फैसले से उसका फोरमेन बनने का सपना साकार होगा।
संस्थान में कार्यरत मार्केटिंग मैनेजर श्री राजेश धगट का कहना है कि सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष होने से अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन वे अच्छे से कर पायेंगे। उन्हें अपने बच्चे के पढ़ाई के लिये जमा पूंजी खर्च करने की जरूरत नहीं होंगी। यह राशि उनके बुढ़ापे में काम आयेगा साथ ही घर बनाने के लिये जो लोन लिया है उसे भी सेवा में रहते हुए चुका पायेंगे। एचआर विभाग में कार्यरत श्री विनीत जेम्स का कहना है कि उन्होंने 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति के हिसाब से अपने दायित्वों के निर्वहन की योजना बनाई थी। लेकिन अब वे 60 वर्ष में सेवानिवृत्त होंगे तो आगे का जीवन अपने हिसाब से व्यतीत करने के लिये योजना बनायेंगे।

इसी तरह प्रोडक्शन विभाग में कार्यरत हाईस्कील आपरेटर बलराज खाण्डे, लाल खान, सीनियर इलेक्ट्रीशियन ज्योति प्रकाश जायसवाल, मैकेनिक रामगोपाल, डीएम प्लांट आपरेटर अनंत सिंह भी मेहनतकश श्रमिकों के लिये गये सरकार के इस निर्णय से बहुत प्रसन्न हैं।