बिलासपुर / मरवाही विकासखंड में पदस्थ दो बड़े अधिकारियों का आपस में खींचतानी का मामला अब खुलकर सामने आने लगा है। मामले में दोनों जवाबदार अधिकारी अब अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए एक दूसरे को नोटिस जारी किया है। जिसमे जनपद सीईओ जी आर ठाकुर ने मरवाही तहसीलदार को नोटिस दिया है और तहसील भवन खाली करने की बात कही है तो तहसीलदार महोदय ने सीईओ को कारण बतलाओ नोटिस जारी करते हुए शासकीय भूमि पर कब्जा कर भवन बनाए जाने की बात कहते हुए कड़ी कार्यवाही व 25000 का जुर्माना लगाए जाने की बात कहते हुए कोर्ट में पेश होकर जवाब देने को कहा है।
दरअसल पूरा मामला पेंड्रारोड़ अनुविभाग के मरवाही ब्लॉक का है। जहां पर पिछले कुछ दिनों से दो बड़े अधिकारियों के बीच आपसी खींचातानी चल रही है उसी कड़ी में अब दोनों अधिकारियों का विवाद अब खुलकर सामने आ गया है। जहां जनपद सीईओ जी आर ठाकुर ने तहसीलदार टी डी मरकाम को पत्र लिख कहा कि शासन की योजना एनआरएलएम बिहान संचालित करने के लिये भवन की आवश्यकता कारण बतलाते हुए तहसील भवन वापस किये जाने की बात कही है और तर्क दे रहे है कि भवन न होने से बिहान योजना का संचालन नही हो पा रहा है जहां तहसील कार्यालय संचालन हो रहा है वह जनपद पंचायत का पुराना भवन है जब विभाग के पास भवन नहीं था इसलिए ये भवन तहसील कार्यालय हेतु दिया गया था और अब जब आपके कार्यालय का नया भवन बन चुका है इसलिए आप अपने कार्यालय में जा कर कार्यालय स्थपित करें और जनपद के पुराना कार्यालय खाली करने की बात कही ताकि शासन की योजना का संचालन हो सके।
जनपद सीईओ के नोटिस के बाद मरवाही तहसीलदार तुलसीदास मरकाम बौखला गए और तत्काल अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए जनपद सीईओ जी आर ठाकुर को नोटिस जारी करते हुए तहसील कोर्ट में पेश होकर जानकारी देने को कहा है। नोटिस में तहसीलदार ने उल्लेख किया कि जनपद भवन जो हल्का न 11 तहसील मरवाही के ग्राम कुम्हारी में शासकीय भूमि पर 0.182 कार्यालय भवन बनाया गया है जो दंडनिय अपराध हेै अतः क्यों ना संहिता की धारा 248/1 के तहत 25000 रूपए अर्थदंड आरोपित करें । उक्त शासकीय भूमि से बेदखल किया जावे अत: दिनांक 27.09.2019 के दिन 11 बजे तहसील न्यायालय मरवाही में उपस्थित होकर अपना जवाब प्रस्तुत करें । उपरोक्त तिथि पर उपस्थि न होने पर छत्तीसगढ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 35/2 के तहत आपके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की जावेगी ।
अब देखने वाली बात होगी कि दो अधिकारियों की खींचातानी कहा खत्म होती है ।