रिपोर्ट / मनीष सोनी / 09770388989
एक जगह बैठकर ही सर्वे कर दिया – जयराम पीड़ित किसान
सुरगुजा / छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में फसल मुआवजे के नाम पर एक किसान से मजाक किया गया। जिला प्रशासन ने पीड़ित किसान को चार एकड़ में बर्बाद हुए फसल के बदले 81 रुपये का चेक थमा दिया है। अब किसान इस परेशानी में है कि इस मुआवजे कि राशि से अपना कृषि कर्ज भरेगा या सरकार को चेक वापस कर दे।
ओले और तेज बारिश से बर्बाद फसल की मार झेल रहे छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अब मुआवजे के नाम पर प्रशासन ने भी मजाक किया है बीते फरवरी माह में सरगुजा जिले के लून्ड्रा गाँव में भारी बारिश से यहाँ के किसान जयराम की 4 एकड़ फ़सल बर्बाद हो गयी थी लेकिन किसान को उम्मीद थी की प्रशासन की ओर से उसकी बर्बाद फसल के लिए दिए गए मुआवजे से वो किसी तरह अपने कर्ज से मुक्ति पायेगा, लेकिन अफसरों ने 4 एकड़ फसल के मुआवजे के नाम पर जयराम को 81 रुपये का चेक थमा दिया है, मुआवजे के नाम पर ये कहानी अकेले जयराम की नहीं है लुण्ड्रा ब्लॉक में कई अन्य किसानों को भी इसी तरह मुआवजे के नाम पर 100 से हजार रुपये के चेक थमा दिए गए हैं, सरगुजा में लून्ड्रा के किसानो कि माने तो पिछले 50 सालों में ऐसी बर्फ़बारी लोगो ने कभी नहीं देखी थी, लोगो के घर के छप्पर तक नहीं बचे ,ऐसे में खेतो में खड़े फ़सल भी पूरी तरह बर्बाद हो गए, ग्रामीणों का प्रशासन पर आरोप है की दलहन, तिलहन, प्याज और रबी कि फ़सल ज्यादा बर्बाद हुए और अधिकारी आये तो जरुर पर मौके पर जाकर किसी ने निरिक्षण नहीं किया, एक ही जगह पर बैठकर सभी किसानो के फसलो के मुआवज़ा रकम तैयार कर दी गयी, प्राकृतिक आपदा कि मार झेल रहे किसांन चाहते हैं कि प्रशासन दोबारा इनके बर्बाद हुए फ़सल का मुआवज़ा तैयार करे ताकि इनकी खेती कि लागत सही सही निकल सके.
बहरहाल बेबस व् लाचार किसानो कि ये हालत ही देश के अन्नदाताओं कि असल कहानी है, बैंक का कर्ज और दिन रात कि मेहनत के बाद प्राकृतिक आपदा कि मार झेल रहे किसान के साथ इस तरह का भद्दा मज़ाक किसी भी सूरत में सही नहीं है .
जब ओले गिरे और हमारी फसल तबाह हुयी तब अधिकारी सर्वे में तो जरूर आय पर किसी ने खेत में जाकर बर्बाद फसल को नही देखा। एक जगह बैठकर ही सर्वे कर दिया जिसके वजह से आज ये मजाक हुआ की सही मुआवजा नही मिल सका।
– जयराम पीड़ित किसान
सभी किसानो को शासन के प्रावधान के तहत ही मुआवजा वितरित किया गया है, इसमें हमारी कोई चुक नही है।
– इरशाद, तहसीलदार, लुंड्रा