रिपोर्ट / रवी रंजन सिंह / 09424263169
कोरिया / कोरिया जिला के कटकोना काॅलरी कोयले के उत्पादन के वजह से जाना जाता है। यह भु-गर्भं और पहाडीयों से जूडी़ काफी किवदंतिया मशहुर है पर जो कुछ हकिकत है वह कहानी भी किसी को आष्चर्य चकित न करे यह आज तक नहीं हुआ .

क्या है चामट पहाड़ी का इतिहास – चामट पहाड के भु-गर्भं में न जाने कैसे – कैसे रहस्य छिपे है। जिनकी खोज आज निहायत आवष्यक दिखाई पडती है। इस एतिहासीक पहाडी का दौरा करने और स्थानीय लोगो से बात करने पर पता चला की इस पहाडी के सिधे तार प्राचीन इतिहास से जूडते है और आज तकरीबन चार दसक पहले कोयले की खोज में कई विदेशी कोरिया जिले के कटकोना क्षेत्र में आए हुऐ थे और उन्हे कोयला खदान के लिए चामट पहाडी ईलाका स्थान सबसे सही लगा। जानकारो के मुताबीक इस स्थान पर कोयले के खनन के लिए एक इंजिनीयर यहा भेजा गया और जब इंजिनीयर ने यहा कोयले की जाँच के लिए बोर वेल लगाया तो जमीन के अंदर से ताजा खुन के धारे बहने लगे जैसे किसी पत्थरो के पहाड़ पर नहीं बल्की किसी इन्सान के छाती पर किसी ने होल कर दिया हो जब इस घनघोर विहग्न जगल में उन्होने कोयले की उत्पादन के बारे में प्लानिंग की होगी तब यह अपने सपने में भी नहीं सोचे होगे यहा काम के शूरूआत में कोई भी अनहोनी हो सकती है और उसी रात चामट देवता इंजिनीयर के सपने में आये और सपने में कहा की मै इस पहाडी का राजा हूॅ। इस पहाड से तुम मेरी मर्जी के बैगेर कुछ नहीं लेजा सकते चले जाओ यहा से दूर या दूसरी पहाडी पर अपना काम करो। जिस पर इंजिनीयर ने इस रहस्यमयी पहाड से कोयला नहीं खोलने की ठानी और अन्य पहाडीओ पर सर्वे कर खदान खोली जो की आज भी खदाने चल रही है। इन खदानो को 1-2 व 3-4 के नाम से कटकोना में जाना जाता है।
ऐसे होते हैं चामट बाबा प्रसन्न – जानकारो की अगर माने तो इस जगह पर इस देवता जिसे चामट देवता के जाना जाता है। सिर्फ उनका अधिकार है। यहा न तो कोई इनके पूॅजा बैगेर इस पहाडी पर आना जाना कर सकता है और न ही इस बारे में सोच सकता है। इनकी पुजा के लिए इस पहाड़ी के किसी भी किनारे व पत्थर की पूॅजा आप कर सकते है। ऐसा भी मानना है की चामट बाबा तभी प्रसन्न होते है जब उन्हें भक्त सफेद झण्डा, सफेद बकरे व मुर्गे की बली दे और इस बली के देने की बाद आप जो भी मनोकामना चामट देवता से करते है। वो मनोकामना भी चामट बाबा जरूर पूरी करते है तभी तो भक्त अपनी मुराद ले कर जाने कहाँ -कहाँ और कितनी दूर दूर से आते है।
भटके लोगों को भोजन पानी व राह दिखाते हैं चामट देव – इस पहाड़ी की एक खास बात यह है कि अगर इस पहाडी के जंगलों में कोई व्यक्ति गतली से राह भटक गया हो और रास्ता नहीं मील रहा हो तो चामट देवता उसके खाने पीने और रास्ता दिखाने तक की व्यवस्था इस घनघोर जंगल के भीतर करते है। इस पहाड में चामट देवता की आसीम कृपा के कारण पुरी पहाडी क्षेत्र में 12 मासी पेड पौधे हरे भरे ही रहते है।



