Tuesday, March 18, 2025
पर्यटन / आस्था चामट पहाड़ पर चामट देव का वास, प्राकृतिक मनोरम...

चामट पहाड़ पर चामट देव का वास, प्राकृतिक मनोरम दृष्य खींच लाते हैं लोगों का ध्यान, दूर दूर से आते हैं श्रद्धालु

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रिपोर्ट / रवी रंजन सिंह / 09424263169 
कोरिया / कोरिया जिला के कटकोना काॅलरी कोयले के उत्पादन के वजह से जाना जाता है। यह भु-गर्भं और पहाडीयों से जूडी़ काफी किवदंतिया मशहुर है पर जो कुछ हकिकत है वह कहानी भी किसी को आष्चर्य चकित न करे यह आज तक नहीं हुआ .
                                                      4 कोरिया जिला मुख्यालय से 20 किलोमिटर की दूरी पर कटकोना काॅलरी पर स्थित चामट पहाड़ जिसके बारे में जानकर आप को भी लगेगा कि शदियों वर्ष पहले जब इस क्षेत्र से कोयले का उत्पादन करने की शूरूआत कि गई होगी तो यहा किस तरह से लोगो को दिक्कतो का सामना करना पडा होगा और तब से आज तक चामट पहाड़ पर न तो दोबारा कोयले की खान खोलने का किसी ने साहस किया और न ही इस रहस्यमयी पहाड़ी में छुपे रहस्य को जानने का।
क्या है चामट पहाड़ी का इतिहास – चामट पहाड के भु-गर्भं में न जाने कैसे – कैसे रहस्य छिपे है। जिनकी खोज आज निहायत आवष्यक दिखाई पडती है। इस एतिहासीक पहाडी का दौरा करने और स्थानीय लोगो से बात करने पर पता चला की इस पहाडी के सिधे तार प्राचीन इतिहास से जूडते है और आज तकरीबन चार दसक पहले कोयले की खोज में कई विदेशी कोरिया जिले के कटकोना क्षेत्र में आए हुऐ थे और उन्हे कोयला खदान के लिए चामट पहाडी ईलाका स्थान सबसे सही लगा। जानकारो के मुताबीक इस स्थान पर कोयले के खनन के लिए एक इंजिनीयर यहा भेजा गया और जब इंजिनीयर ने यहा कोयले की जाँच के लिए बोर वेल लगाया तो जमीन के अंदर से ताजा खुन के धारे बहने लगे जैसे किसी पत्थरो के पहाड़ पर नहीं बल्की किसी इन्सान के छाती पर किसी ने होल कर दिया हो जब इस घनघोर विहग्न जगल में उन्होने कोयले की उत्पादन के बारे में प्लानिंग की होगी तब यह अपने सपने में भी नहीं सोचे होगे यहा काम के शूरूआत में कोई भी अनहोनी हो सकती है और उसी रात चामट देवता इंजिनीयर के सपने में आये और सपने में कहा की मै इस पहाडी का राजा हूॅ। इस पहाड से तुम मेरी मर्जी के बैगेर कुछ नहीं लेजा सकते चले जाओ यहा से दूर या दूसरी पहाडी पर अपना काम करो। जिस पर इंजिनीयर ने इस रहस्यमयी पहाड से कोयला नहीं खोलने की ठानी और अन्य पहाडीओ पर सर्वे कर खदान खोली जो की आज भी खदाने चल रही है। इन खदानो को 1-2 व 3-4 के नाम से कटकोना में जाना जाता है।
ऐसे होते हैं चामट बाबा प्रसन्न – जानकारो की अगर माने तो इस जगह पर इस देवता जिसे चामट देवता के जाना जाता है। सिर्फ उनका अधिकार है। यहा न तो कोई इनके पूॅजा बैगेर इस पहाडी पर आना जाना कर सकता है और न ही इस बारे में सोच सकता है। इनकी पुजा के लिए इस पहाड़ी के किसी भी किनारे व पत्थर की पूॅजा आप कर सकते है। ऐसा भी मानना है की चामट बाबा तभी प्रसन्न होते है जब उन्हें भक्त सफेद झण्डा, सफेद बकरे व मुर्गे की बली दे और इस बली के देने की बाद आप जो भी मनोकामना चामट देवता से करते है। वो मनोकामना भी चामट बाबा जरूर पूरी करते है तभी तो भक्त अपनी मुराद ले कर जाने कहाँ -कहाँ  और कितनी दूर दूर से आते है।
भटके लोगों को भोजन पानी व राह दिखाते हैं चामट देव – इस पहाड़ी की एक खास बात यह है कि अगर इस पहाडी के जंगलों में कोई व्यक्ति गतली से राह भटक गया हो और रास्ता नहीं मील रहा हो तो चामट देवता उसके खाने पीने और रास्ता दिखाने तक की व्यवस्था इस घनघोर जंगल के भीतर करते है। इस पहाड में चामट देवता की आसीम कृपा के कारण पुरी पहाडी क्षेत्र में 12 मासी पेड पौधे हरे भरे ही रहते है।
010भु- गर्भ में बेसुमार काला हीरा –  वन सम्पदा के रूप में निकलने वाला कोयला समूचे कोरिया जिले और इस चामट पहाड़ी के सटे पहाड़ी क्षेत्रो देश के कोने – कोने में उस पुराने समय से पहुँच रही है जब कभी इस तरह की रहस्यमयी और डरावनी घटना हुई थी पर उसके बाद भी आज तक चामट देवता इस स्थान पर बने हुए हैं जिन्हें यहाँ के लोग पूजते हैं मानते है, स्थानीय लोगो का यह भी मानना है की इस रहस्मय पहाड़ी के भु- गर्भ में बेसुमार काला हीरा यानी कोयले की मात्रा है जिसके निकासी के बाद पुरे देश के लोगो को ढाई दिनों तक बैठा कर भोजन कराया जा सकता है.
7नर्मदा प्रसाद साहू – जब इनसे इन पहाडियों के बारे में पूछा गया तो इन्होंने बताया कि चामट पहाड में काफी मात्रा में वन सम्पदा और कोयला है लोगों का मानना है कि इन पहाडियों में चामट देवता का वास है एसईसीएल द्वारा 1960 में खदान खोलने की कोशिष की गई थी, उनकी मर्जी के बिना कोई भी यहां से कोयला नहीं निकाल सकता।
8सुरेश प्रताप सिंह सेवानिवृत एसईसीएल कर्मचारी – इनसे जब पूछा गया तो इन्होंने बताया गया कि 1972 में कटकोना 1 एवं 2 नं. खदान मे उत्खनन हुआ था उसी समय मेरी स्थानान्त्रण विश्रामपुर से कटकोना हुआ था, उनके साथियों ने उनसे बताया कि यह खदान जो लंघीय पहाड पर खुला है जो चामट पहाड पर खुल रहा था बताया जाता है कि एसईसीएल के इंजिनियर व सर्वे अधिकारी ने यहां पर बोर किया तो खून के धारे निकले जिससे भयभीत होकर उन्हें वहां से भागना पड़ा इसी रात अधिकारियों के सपनों में आकर चामट देवता ने उन्हें वहां से लौटने को कहा।
9करन साय स्थानिय बैगा – जब पूछा गया कि आप कितने वर्षो से चामट देवता कि आराधना व पूजा करते आ रहे है, तो उन्होने बताया कि मैं लगभग 25 वर्षो से बैगा हूॅ। इससे पहले पिता जी चामट देव की पूजा करते थे, यह हमारे पूरखो से चलता आ रहा है। चामट देवता के सफेद झंडा, सफेद बकरा व सफेद मूर्गा चढता है। पहाड़ पर कोइ मंदिर नही है, इन पहाडीयेा के किसी भी कोने मे चामट देवता का नाम लेकर पूजा की जाती है। सभी लोगो की मांगी हुई मुरादे पुरी होती है, जिसके बाद सफेद मूर्गा व बकरे की बली दी जाती है। यहाॅ का प्रसाद केवल पुरूष ही ग्रहण करते है, महिलाऐ नही करती।

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