Thursday, May 22, 2025
Uncategorized प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर की रमन सरकार की तारीफ...

प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर की रमन सरकार की तारीफ : सूखे से निपटने नई टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल पर जताई खुशी

-

रायपुर / प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वाटरशेड प्रबंधन, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार और वनीकरण के लिए नई टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की प्रशंसा की है।
मोदी ने अपने नियमित ट्विटर संदेश में कहा है कि मुझे डॉ. रमन सिंह के साथ बैठक में यह जानकारी मिली कि उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में भूख की समस्या को हल करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक क्विंटल अनाज रखवाने का भी इंतजाम किया है। यह उनका एक अच्छा कदम है। मोदी ने लिखा है कि डॉ. रमन सिंह के साथ मैंने छत्तीसगढ़ के सूखे की स्थिति पर चर्चा की है। केन्द्र और राज्य दोनों परस्पर मिलकर लोगों को इस संकट से राहत दिलाने के हर संभव प्रयास करेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कल नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनके साउथ ब्लॉक स्थित कार्यालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में छत्तीसगढ़ के सूखे के संकट और उससे निपटने के लिए राज्य शासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में लगभग एक घण्टे का विशेष प्रस्तुतिकरण दिया था। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्तुतिकरण में बताया था कि भू-जल संरक्षण जैसे कार्यों के लिए राज्य सरकार टेक्नॉलॉजी का भरपूर उपयोग कर रही है। जल ग्रहण क्षेत्र अर्थात वाटरशेड प्रबंधन और नलकूप खनन के लिए दूरसंवेदी भू-उपग्रह आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी.आई.एस. तकनीक) का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक से जमीन के हाईडोजियोलॉजिकल नक्शे तैयार किए गए हैं। नलकूप खनन के लिए भी जीपीएस तकनीक का किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर लघु सिंचाई सुविधा और भू-जल संरक्षण के लिए नदी-नालों में एनीकटों का निर्माण करने के लिए टोपोग्राफी नक्शे और सेटेलाईट इमेज का उपयोग भी राज्य सरकार कर रही है। इसके अलावा टपक सिंचाई (ड्रिप इरीगेशन) के लिए फर्टिगेशन तकनीक और प्लास्टिकल्चर तकनीक का भी बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने अपने प्रस्तुतिकरण नरेन्द्र मोदी को बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के क्रियान्वयन के लिए भी छत्तीसगढ़ सरकार दूरसंवेदी भू-उपग्रह (सेटेलाईट) आधारित भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस तकनीक) का उपयोग कर रही है। जल संरक्षण के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में राज्य में 53 हजार 440 तालाब निर्माण का लक्ष्य है। इसके लिए मनरेगा और आईडब्ल्यूएमपी योजना के तहत काम शुरू हो गया है। जून 2016 तक 44 हजार तालाबों का निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य है। उन्होंने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि राज्य में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की योजना बनाकर उस पर अमल किया जा रहा है। जनभागीदारी से पिछले पांच वर्ष में 26 करोड़ से ज्यादा पौधे लगाए गए। इस वर्ष आगामी मानसून में नौ करोड़ 50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है।

Latest news

- Advertisement -

Must read

You might also likeRELATED
Recommended to you

error: Content is protected !!