रिपोर्ट / राकेश सिंह / 09753486167
00 चिरिमिरी के 03 खदानों में कोयला उत्पादन ठप्प
00 रानी अटारी, विजय वेस्ट सहित कुरासिया मे हो सकते है तबादले
कोरिया / चिरिमिरी – एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र के नार्थ चिरमिरी पोन्ड्री हील की तीन खदानों मे उत्पादन ठप्प होने की खबरों के बाद अब सूत्रों के हवाले से खबर आयी है कि बहुत जल्द एसईसीएल के लगभग 03 हजार कामगारों पर तबादले की गाज इसी सप्ताह गिर सकती है। गौरतलब है कि कोयला अधारित उद्योगों द्वारा एसईसीएल का कोयला नही लिये जाने की वजह से क्षेत्र मे भारी मात्रा मे कोयले का भण्डारण हो चुका है वहीं अब कोयला भण्डारित रखने के लिये भी स्थल की कमी होने की वजह से कुल उत्पादन बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही जो कोयला भण्डारित है वह भी अब आग की चपेट मे है जिसे बुझाने की कवायतें की जा रही है। इन्ही सब के बीच श्रमिकों के तबादले होने की संभावना बढ़ गई है।
सूत्रो के हवाले से मिली खबर के मुताबिक एनसीपीएच के तीन खदानों 2, 3 और 6 मे उत्पादन प्रभावित है जिसकी वजह से तकरीबन 2100 एसईसीएल कर्मी माईनिंग्स कार्य नही कर रहे है। प्रबंधन द्वारा सैकडों कामगारों से सामान्य कार्य कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कामगारों को भुगतान किये जाने वाले वेतन से कहीं कम का कार्य लिया जा रहा है जिससे जहां एक ओर श्रमिकों का पारिश्रमिक बढ़ रहा है तो वहीं प्रोडक्शन नही होने और साथ ही कोयले का उठाव नही होने की वजह से एसईसीएल को तिहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं अब यह माना जा रहा है कि इस नुकसान से बचने के लिये प्रबंधन जल्दि ही सैकड़ों एसईसीएल कर्मियों के तबादले करने के मूंड मे है। ऐसे कयास लगाये जा रहे है कि अंदर ही अंदर प्रबंधन द्वारा तबादले की लिस्टिंग शुरू कर दी गई है और यह भी जानकारी मिली है कि यदि एसईसीएल के नवपदस्थ मुख्य महाप्रबंधक सड़क दुर्घटना मे घायल नही होते तो पहली सूची अभी हाल ही मे जारी हो गई होती। इस संबंध में अपुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पहली तबादला सूची मे 500 एसईसीएल कर्मियों के तबादला होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि यह तबादले रानी अटारी, विजय वेस्ट सहित कुरासिया मे होंगें। कुल मिलाकर क्षेत्र मे ही मेन पावर को एडजेस्ट करने का काम होगा। इसके साथ ही यह भी जानकारी मिली है कि रायगढ़ मे भी 5 से 6 खदाने खुल रही है जिन्हे लेकर फारेस्ट सहित पर्यावरण क्लियरेंस प्राप्त किया जा चुका है। जहां अभी मशीनों का अभाव है और जैसे ही मशीने और अन्य संसाधन व्यवस्थित हो जायेंगे वैसे ही वहां के लिये भी क्षेत्र से तबादला कर कोल कर्मियों को स्थानान्तरित किया जायेगा।
लिंग राज नायक (क्षेत्रिय महामंत्री एटक) – यदि पहले कोयले की क्वालिटी पर ध्यान दिया जाता तो हमारा कोयला कोल आधारित कंपनियां लेती रहती लेकिन ऐसा नही हुआ जिससे संबंधितों ने कोयला लेना बंद कर दिया। नतीजा सामने है कि कोयले का स्टाॅक भारी मात्रा मे भण्डारित हो चुका है जो मिलावटी होने की वजह से नही बिक रहा है। प्रबंधन जो अभी कोयले से पत्थर छटनी का कार्य करा रहा है वह पहले करा लिया जाता तो न तो प्रोडक्शन बंद होता और न ही कर्मियों के स्थानान्तरण की संभावनायें होती। कोयले का उठाव नही होने की वजह से चिरमिरी का अस्तित्व तो खतरे मे है ही साथ ही कोल कर्मियों के सर पर तबादले के बादल मंडरा रहे है।
बजरंगी शाही (श्रमिक नेता) – प्रोडक्शन बंद है यह एक अफवाह है हां इतना जरूर है कि प्रोडक्शन की गति धीमी की गई है। केन्द्र सरकार की नितियों का खामियाजा ही इसे कहेंगें जो एसईसीएल भुगत रही है। सरकार ने प्रायव्हेट कंपनियों को उत्खनन और खुले विक्री की अनुमति दी है जिसकी वजह से एसईसीएल का कोयला नही बिक रहा है। प्रायव्हेट कंपनियां सस्ते दामों पर कोयला बेंच रही है। तबादले की बात सही नही है और अभी ऐसा हमारे सामने कोई तथ्य नही आया है।