लखनऊ / आज देशभर में दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। खासतौर से आज लोगों की निगाहें लखनऊ में ऐशबाग की रामलीला पर लगी होंगी, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दशहरे के अवसर पर ऐतिहासिक रामलीला में ही रावण वध देखेंगे। पहली बार ऐसा हो रहा जब प्रधानमंत्री दिल्ली से बाहर उत्तर प्रदेश की राजधानी में दशहरा उत्सव मनाएंगे।
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पिछले 70 साल से लखनऊ की ऐशबाग रामलीला समिति हर बार प्रधानमंत्री को न्योता भेजती है, लेकिन पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने उस रामलीला का आमंत्रण स्वीकार किया है। लखनऊ के ऐशबाग की रामलीला का बहुत ही ऐतिहासिक महत्व है। कहा जाता है कि यही देश की सबसे पुरानी रामलीला है और असल में रामलीला की शुरुआत भी यहीं से करीब 500 साल पहले हुई थी।
खास बात यह भी है ऐशबाग मुस्लिम बाहुल्य इलाके में है और यहां पर रामलीला देखने आने वालों में बड़ी संख्या में मुस्लिम भी होते हैं। एक समय था जब ऐशबाग के रामलीला मैदान में असली हाथी घोड़ों के साथ रामलीला होती थी, लेकिन अब यहां पर मंच बनाकर हाइटेक तकनीक का इस्तेमाल करके शानदार रामलीला का आयोजन किया जाता है। इस बार रामलीला का मंच थाईलैंड के मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है। हर बार रामलीला मंच का एक थीम भी होता है। पिछले साल यह गौ हत्या प्रतिबंध था और माना जा रहा है कि इस बार की थीम आतंकवाद से जुड़ी हो सकती है। प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। दरअसल बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया था कि वह दशहरे के दिन लखनऊ आकर इस कार्यक्रम में हिस्सा लें ताकि कार्यकर्ताओं का जोश दोगुना हो जाए। इसी के बाद पीएम ने ये कार्यक्रम बनाया। पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव और सर्जिकल स्ट्राइक पर मचे विवाद के बीच प्रधानमंत्री के लखनऊ आने से इस रामलीला पर सबकी निगाहें होंगी। खुद पीएम ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि इस बार की विजयादशमी खास होगी। ऐसे में सबकी निगाहें पीएम के कार्यक्रम पर लगी हैं। |