मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि किसी भी दूसरे मूल्य के नोट के विमुद्रीकरण के लिए लीगल टेंडर रद्द करने पर विचार नहीं किया गया है। नोटबंदी पर कुछ व्यापारिक घरानों और पार्टी सदस्यों को पहले सूचना देने की अफवाह पर सरकार ने साफ किया कि इस संबंध में पूरी तरह से गोपनीयता बरती गई है और सरकार की तैयारी की भनक किसी को भी नहीं लगने दी गई। चर्चा यह भी है कि विमुद्रीकरण लागू करने की लागत लाभ से कहीं अधिक है, इस पर विभाग ने कहा है कि समानान्तर अर्थव्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था को खोखला करती है और दूसरों की तुलना में गरीब और मध्यम वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। नए नोट में चिप्स लगी होने की ख़बर को काल्पनिक और मनगढंत बताया गया है।
नोटबंदी पर कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि विमुद्रीकरण सिर्फ दिखावे के लिए है, लोग कालाधन रखने के लिए दूसरे रास्ते तलाश लेंगे, उद्योग-व्यापारी वर्ग इस समस्या का तोड़ निकालने में लग गए हैं। इस तरह की बातों पर वित्त मंत्रालय ने ट्विट करके सफाई दी है कि प्रर्वतन एजेंसियां कड़ी नजर रखी हुई हैं, बेनामी कारोबार अधिनियम और कालेधन को रोकने के लिए सूचना साझा करने की संधि में आवश्यक बदलाव किए गए हैं।
2000 रुपये के नोट कम गुणवत्ता के होने और उनसे रंग निकलने की अफवाह पर सरकार का कहना है कि नए नोट में एक सुरक्षा चिन्ह है, जिसे इंटैग्लियो प्रिंटिंग कहते हैं। सही नोट की पड़ताल के लिए आप उसे किसी कपड़े से रगड़िए जिससे एक टर्बो इलेक्ट्रिक इफेक्ट तैयार होता है और इसी की वजह से नोट का रंग कपड़े में लग जाता है। इन सबके अलावा बाज़ार में यह भी चर्चा है कि सरकार का अगला कदम बैंक लॉकर को सील करना और सोने व हीरे के आभूषणों को जब्त करना है।
वित्त मंत्रालय का कहना है कि यह तथ्यहीन बात है। बैंक लॉकर सील करने या फिर आभूषणों को जब्त करने जैसा कोई प्रस्ताव नहीं है।