कौन सुनेगा किसको सुनाएँ : – फर्जीवाड़ा करने वाले राइस मिलर्स का मामला ठंड़े बस्ते में
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दरअसल मामला 2013-14 का चावल जमा नहींकर शासन के साथ हुए अनुबंध को तोड़ने वाले बिलासपुर जिले के 5 राइस मिलर डिफाल्टर घोषित किए गए थे।जिस परजिला प्रशासन ने इनसे करीब 2 करोड़ रुपए की वसूली करने रेवेन्यू रिकवरी सटिर्फिकेट (आरआरसी) तहसीलदारों कोवसुली के लिये जारी किया गया था। बीते साल जिले की सहकारी समितियों में धान खरीदी के साथ ही मिलर्स सेकस्टम मिलिंग के लिए अनुबंध किया गया। उन्हें महज 150 रुपए प्रति क्विंटल की अमानत राशि के साथ 1500 रुपएकीमत का धान इस उम्मीद से दिया गया कि वे समय पर धान की मिलिंग कर चावल नागरिक आपूर्ति निगम याएफसीआई के गोदाम में जमा करेंगे। लेकिन कई मिलर्स ने शुरुआत से चावल जमा करने में लापरवाही बरती। मिलर्स नेअनुबंध कर धान का उठाव तो कर लिया लेकिन समय पर चावल जमा नहीं किया। आशंका है कि उन्होंने सरकारी धानको मिलरों ने अपने निजी व्यापार में लगा दिया और जब चावल जमा करने की बारी आई तो मियाद बढ़ाने कीगुजारिश करने लगे। दिसंबर 2014 तक राज्य के कई मिलर्स ने अपने कोटे का पूरा चावल जमा नहीं किया था, जिसके बाद मियाद भी बढ़ाई गई।वावजूद इसके बाद भी जब चावल जमा नहीं किया गया तो फिर 15 अप्रैल तक हर हाल मेंचावल जमा करने की चेतावनी मिलर्स को दी गई। इसके बाद मियाद 30 अप्रैल तक बढ़ा दी गई। इसके बावजूद राज एग्रोतखतपुर, शहीद राइस तखतपुर, छत्तीसगढ़ राइस मिल कोटमी, हरिहर राइस मिल पेंड्रा और श्याम ट्रेडिंग पेंड्रा ने कुल 12हजार 156 क्विंटल चावल जमा नहीं किया। इसकी कीमत लगभग 2 करोड़ रुपए है। अंततः जिला प्रशासन ने इन मिलर्सके खिलाफ सम्बधित तहसीलदारों को आरआरसी जारी कर इनसे बकाया रकम वसूल करने का निर्देश दिया था उसकेबाद भी लगभग 2 करोड़ रुपए की वसूली तहसीलदारों के द्वारा अब तक नही कि जा सकी है। ब्लैक लिस्टेड़ मिलर्स में दोराइस मिल तखतपुर ब्लाक में तो तीन पेंड्रा ब्लाक में है।वही पेंड्रा के हरिहर राईस मिल संचालक अशोक गोयल औरछत्तीसगढ़ राईस मिल कोटमी के संचालक हेमंत श्रीवास्तव सहित लोहराझोरखी सग्रहण केन्द्र प्रभारी पुरन सिंह चंदेल केखिलाफ गौरेला थाने 8 फरवरी 2016 को धान के अफरा तफरी के मामले में जिले ने नागरिक आपूर्ति निगम केअधिकारियों के द्वारा गौरेला थाने में एफआईआर भी दर्ज कराया गया है पर अब तक इन लोगों की गिरफ्तारी पुलिसके द्वारा नही की गयी और शासन के करोड़ों रुपयों के बकाया होने के बाद भी आरोपी खुलेआम धुम रहे है है।वही जब गौरेला थाना प्रभारी लालचन्द मोहले से हमने धान के अफरा तफरी के मामले में कार्यवाही की जानकारी मागी तो थाना प्रभारी का कहना है कि नॉन के अधिकारियों से धान अफरा तफरी के मामलेएफआईआर दर्ज कर लिया गया है और अधिकारियों से हमने मामले से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज मागे गये हैदस्तावेज प्राप्त होने पर तत्काल हरिहर राइस मिल संचालक अशोक गोयल और छत्तीसगढ़ राइस मिल के संचालक हेमंत श्रीवास्त व लोहराझोरखी सग्रहण केन्द्र प्रभारी की गिरफ्तारी कर मामले में आगे की कार्यवाही कि जावेगी। वही रेवेन्यू रिकवरी सटिर्फिकेट (आरआरसी) और वसुली के सम्बध में पेंड्ररोड़ के तहसीलदार महेश शर्मा से जब हमने इस धान के अफरा तफरी और वसुली की बात की तो तहसीलदार पुरे मामले में हमे नियम कानुन बतलाते नजर आये और जल्द ही प्रकरण के मामले में राइस मिलरों से वसुली करने की बात कही।