रिपोर्ट / ध्रु दिवेदी / 9425583677
मनेन्द्रगढ़ / शहर के मुक्तिधाम में लगभग 20 वर्ष पहले बनाई गई पानी की टंकी में आज तक नल नहीं लग पाया है। वहीं टंकी में आज तक पानी का भी संग्रहण नहीं किया गया जिससे मुक्तिधाम जैसी जगह में लोगों का परेशान होते देखा जा सकता है। वहीं शाम ढलते ही यहां शराब के शौकीन अपनी महफिल सजाते हैं उन्हें न तो जगह से कोई मतलब है और न कोई भय उन्हें तो केवल सूनसान चाहिए होता है जो मुक्तिधाम से बेहतर कहीं नहीं मिल सकता।
शहर के आमाखेरवा इलाके में मुक्तिधाम बना हुआ हैै। यह स्थल लंबे समय से कई समस्याओं से जूझ रहा है। मुक्तिधाम में आज तक लकड़ी रखने की व्यवस्था नहीं की गई। यहां लकड़ी रखने के लिए जो कमरा बनवाया गया है उसमें मरचुरी रखी हुई है। इसके अलावा यहां पानी की बड़ी समस्या है। मुक्तिधाम में शवदाह के लिए लोहे के खंभे लगवाने के संबंध में कई बार जनप्रतिनिधियों का ध्यानाकर्षण कराया गया लेकिन कोई पहल नहीं हुई। इससे बड़ी समस्या यहां पेयजल को लेकर बनी हुई है। साथ ही मुक्तिधाम होने से यहां पानी की जरूरत हमेशा पड़ती रहती है लेकिन आज तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई। सबसे हैरत वाली बात तो यह है कि कई जनप्रतिनिधि आते रहते हैं लेकिन आज तक पेयजल समस्या का कोई निराकरण नहीं हो पाया। मुक्तिधाम में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है लेकिन इस मामले में शहर के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि ऐसे मौन साधे बैठे रहते हैं जैसे उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।
जनापेक्षा है कि शहर के जिम्मेदार अधिकारी आखिर कब इस ओर ध्यान देगें जिससे मुक्तिधाम स्थल में मूलभूत सुविधाएं मुहैया हो सके। वर्तमान में नगर पालिका द्वारा मुक्तिधाम का सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है ऐसे में अगर मूलभूत जरूरतों की ओर ध्यान दिया जाय तो सकारात्मक पहल होगी।
