कोरिया / देश के तमाम कोयला उत्खनन क्षेत्रो में कोयला निर्यात की किल्लत के उपरांत एसईसीएल चिरिमिरी क्षेत्र में बमुश्किल 3 माह पूर्व ही रोड सेल से कोयला बिक्री आरंभ हुई किन्तु नियम कायदों को दरकिनार कर यहां भी अवैध बसूली आरम्भ हो गई है जिससे ट्रक मालिको और चालको में काफी नाराजगी और प्रबंधन के प्रति रोष उत्पन्न होता दिख रहा है।
ज्ञात हो कि रोड सेल में कोयला निर्यात ट्रकों के माध्यम से कराया जाता है, कोल मुख्यालय से कोयले की मात्रा की नीलामी रखी जाती है जिसे निविदाकार अपने दर प्रस्तुत कर कोयला डीओ हासिल कर बड़ी – बड़ी ट्रंके लगाकर तय समय सीमा में कोयला परिवहन करते है और यही शुरू होता है कोयले का काला खेल – भाड़े के ट्रक अपने डीओ होल्डर के पास जाते है और डीओ होल्डर अपना निर्धारित कमीशन तय कर ट्रक को कोयला लदान के अधिकृत स्थान पर भेजा जाता है, जहां से अधिकृत वाहन कोयला लदान कर कांटे में वजन कराकर गेटपास पर्ची ले बाहर आते है और इसके बाद निर्धारित गंतव्य के लिए डीओ होल्डर के कर्मचारियों द्वारा ट्रक चालक को परिवहन पर्ची सौंपता है और कथित जानकारी के अनुसार यहीं 10 चक्का वाहनों से 22 सौ रूपये तथा टेलर ट्रकों से 27 रूपये वसूली की जानकारी सरे आम होने लगी है, जो की नियम विरुद्ध पूर्णतः अवैध है, वही कोयला परिक्षेत्र के आला अधिकारियों द्वारा इस तरह की बसूली से अभिग्नता जाहिर करते हुए बताते है कि हमारे कोयला संग्रहण और प्रतिबंधित क्षेत्रो में किसी भी प्रकार की उगाही नही की जाती जब विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रति टन 25 रूपये फिक्स किया गया है, अब विषय यह उठता है कि आखिर वसूले गये पैसे का बंदरबाँट कहां कहां किया जाता है, यक्ष प्रश्न है …..
सूर्यास्त के बाद भी हो रही ट्रको की आवाजाही, एक वाहन पर 50 रूपए निर्धारित – उल्लेखनीय है कि कोयला उत्खनन अधिकृत और प्रतिबंधित क्षेत्र होता है और आम जनो और प्राइवेट गाड़ियों के लिये कुछ विशेष नियम कायदे बनाये गये है, जिसमे कोयला लदान के लिये गेट से अंदर गये वाहनों को खाली गाडी तौल किया जाकर तय समय सीमा में वाहनों का प्रवेश, सूर्यास्त के उपरान्त कोयला या अन्य सामग्रियों के मेन गेट से निकासी वर्जित, प्रत्येक डीओ होल्डरों के एक एक गाड़ी का ही अंदर प्रवेश दिया जाना और अन्दर गई वाहनों के कोयला लोड के वापसी तक अन्य किसी अन्य वाहनों का प्रवेश वर्जित, वाहन में केवल चालक का प्रवेश, अन्य अवांछित लोगो की एंट्री में रोक तथा लोड गाड़ियों में तिरपाल बांधा जाना तथा परिवहन पर्ची सम्बंधित डीओ होल्डर के ऑफिस से प्राप्त किया जाना है, किन्तु इन तमाम नियमो की अनदेखी से स्वमेव ही स्पष्ट होता है कि कोयला परिवहन में सहूलियतों के एवज में बड़ी रकम बसूली की प्रक्रिया जोरों पर है, वही इन खदानों के समीप गाड़ियों की स्थापन क्षेत्रो में अवांछनीय और संदिग्ध लोगो की भारी भीड़ देखी जा सकती है, जिसमे कभी भी किसी भी प्रकार की बड़ी घटना घटित होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता, वही सूर्यास्त के बाद नाके से बाहर एवं अंदर जाने के लिए प्रति वाहन 10 रुपए निर्धारित शुल्क लेकर कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
कथित तौर पर एसईसीएल के सतर्कता विभाग को जाता है हिस्सा ….? – लगभग एक वर्ष पूर्व जब इसी खुली खदान से रोडसेल के दौरान एकाएक एसईसीएल के सतर्कता विभाग ने यहां से कोयला लोड कर निकल रही गाड़ियों का तौल कराया बताते है निर्धारित अनुपात से अधिक मात्रा में कोयला लोड किया जाना पाया गया जिसे सतर्कता विभाग ने ओवर लोड को खुद खड़े होकर खाली करा दिया और कोई कार्यवाही नही की .. यहां 3 माह से प्रतिदिन 50 से 80 ट्रक लोड लेकर निकल रही है, जानकारी अनुसार प्रति ट्रक 2000 से 2700 रूपये वसूले जाने की खबरें आ रही है वही एक कोयला कर्मी ने बताया कि कुछ होने वाला नही सब बंदरबांट में शामिल है सतर्कता विभाग को भी माल जा रहा है।
चोरी कर कोयला भी हो रहे पार – एक जानकारी के अनुसार पिछले दिनों लगभग 10 वाहन जिसकी कोयला लदान के लिये गेट से अंदर गये वाहनों की गेट पर इंट्री नहीं होने के वावजुद कोयला लदान कर वो गेट से बहार निकल रही थी जिसे एसईसीएल की एक टीम ने पकड़ा था और समझाईस दे कर उन वाहनों को छोड़ दिया गया इससे यह साबित हो होता है की इन स्थानों में कोयले की चोरी भी रात के अँधेरे में होते रहे है जिसमे स्वयं एसईसीएल के अधिकारी कर्मचारी शामिल होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
