00 देश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के मकसद से केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकारी डॉक्टरों के रिटायरमेंट की उम्र अब 65 साल कर दी है
नई दिल्ली / देश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के मकसद से केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। केंद्र सरकार ने सरकारी डॉक्टरों के रिटायरमेंट की उम्र 62 साल से बढ़ाकर अब 65 साल कर दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने ट्वीट कर इस फैसले का स्वागत किया है और पीएम मोदी का धन्यवाद दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया ऐतिहासिक कदम – जेपी नड्डा ने इसे स्वास्थ्य सेवाओं में ऐतिहासिक सुधार बताया है। सरकार के इस फैसले से डॉक्टर अब पांच साल और अपनी सेवाएं दे सकेंगे। यह फैसला देश में डॉक्टरों की कमी को तो दूर नहीं कर सकता लेकिन एक बड़ी राहत जरुर लेकर आया है।
दूर होगी डॉक्टरों की कमी – केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आयुष और रेलवे में काम कर रहे सरकारी डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र अब 65 साल होगी। अबतक डॉक्टर 62 साल की उम्र में रिटायर हो जाते थे। हालांकि इसमें वह डॉक्टर शामिल नहीं हैं जो सेंट्रल हेल्थ सर्विस से आते हैं।
सेना में करीब 15 फीसदी डॉक्टरों की कमी – बता दें कि देशभर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है। भारतीय सेना के तीनों विभागों में भी डॉक्टरों की कमी है, जो चिंता का विषय है। सेना के पूर्व डॉक्टर के मुताबिक अभी भारतीय सेना में करीब 15 फीसदी डॉक्टरों की कमी है। डॉक्टरों की कमी का सीधा असर जवानों की सेहत पर होता है। यही वजह है कि आपातकाल में कई बार जवानों को मेडिकल सुविधा समय से नहीं मिल पाती है।
