88 साल की उम्र में गिरिजा देवी का निधन
नई दिल्ली / पुरे देश में ठुमरी गाने के लिए मशहूर गिरिजा देवी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से वे बीमार चल रही थीं। उन्हें कोलकाता के बीएम बिड़ला नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। मंगलवार 24 अक्टूबर यानी आज रात 9 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। गिरिजा देवी 88 साल की थी।
गिरिजा देवी बनारस घराने की शास्त्रीय गायिका थीं। शास्त्रीय संगीत के साथ ही उन्हें ठुमरी गाने में भी महारथ हासिल थी। अपनी इसी खासियत की वजह से उन्हें ठुमरी की रानी कहा जाता है। गिरिजा देवी को 1972 में पद्म श्री अवॉर्ड मिला था। 1989 में उन्हें पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
गिरिजा देवी को अपनी विशिष्ट गायन शैली के लिए कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं जिनमें उन्हें 1972 में पद्मश्री, 1977 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1989 में पद्मभूषण, 2010 में संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप, 2012 में महा संगीत सम्मान, 2012 में GIMA पुरस्कार (लाइफटाइम अचीवमेंट) और 2016 में पद्म विभूषण अवार्ड मिल चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के बनारस में जन्मी गिरिजा देवी ने शुरुआत में अपने पिता से संगीत की शिक्षा ली। उनके पिता हारमोनियम बजाया करते थे। पांच साल की उम्र से ही उन्होंने संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। उन्होंने गायक और सारंगी वादक सरजू प्रसाद मिश्रा से ख्याल और टप्पा गायन की शिक्षा ली।