कोरिया / लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम बी. टाईप गोदरीपारा चिरिमिरी में प्रतिवर्ष की भांति सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। 09 दिसंबर से 15 जुलाई तक होने वाले इस कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
आपको बता दे कि श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन स्थानीय पटेल परिवार के अप्रवासी भारतीय चन्द्रकान्त एन पटेल, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा दीपक एम पटेल द्वारा कराया जा रहा है। इनके द्वारा बताया गया कि आगामी 09 दिसंबर को सुबह 09.30 बजे हनुमान मंदिर एकता नगर से शोभायात्रा निकलेगी। जिसमें हजारों महिलाए कलश यात्रा में शामिल रहेंगी। शोभायात्रा हनुमान मंदिर एकता नगर गोदरीपारा से प्रारम्भ होकर कथा स्थल पर पहुंचेगी। गणेश पूजन एवं कलश स्थापना के बाद दोपहर 02 से शाम 07 बजे तक श्रीमद् भागवत का आयोजन आचार्य मृदुल कृष्ण महाराज के श्रीमुख से श्रीमद् भागवत कथा की अमृत वर्षा की जावेगी।
पटेल परिवार ने जिले सहित प्रदेश के सभी भक्तजनों से श्रीमद्भागवत कथा में शामिल हो कर धर्म लाभ उठाने का आह्वान किया है।
श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री परिचय …
श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी के चाहने वाले केवल भारत में ही नहीं अन्य देशों में भी हैं इसका कारण यह है कि जब लोग उनकी दिव्य वाणी का श्रवण करते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे सम्पूर्ण वातावरण राधा-कृष्णमय हो गया है और भक्तजन उस परमपिता की उपस्थिति का अनुभव प्राप्त करते हैं। उनके भजनों में राधा-कृष्ण प्रेम देखते ही बनता है यही कारण है कि दुनिया भर में उनकी ख्याति है।
प्रारम्भिक जीवन – पूज्य श्री मृदुलकृष्ण शास्त्री जी का जन्म आचार्य श्रीमूलबिहारी जी गोस्वामी तथा माता श्रीमती शांति गोस्वामी के यहां हुआ। प्राथमिक शिक्षा तथा भागवत का मूल पाठ और संस्कृत भाषा इन्होंने अपने पिता से ही सीखी। श्री मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी जन्म से ही प्रतिभा सम्पन्न थे इन्होंने बचपन में ही संस्कृत बोलना, पढ़ना, लिखना तथा श्रीमद्भागवत के सैंकड़ों श्लोक एवं रामचरित मानस की सैंकड़ों चौपाइयां को सीख लिया था। जब ये 16 वर्ष के थे तब पहली बार इन्होंने हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर पहली बार श्रीमद्भागवत कथा का पाठ किया और उसके बाद प्रभु कृपा से आप धीरे-धीरे ख्याति प्राप्त करते चले गये और आज पूज्य श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी 800 से अधिक भागवत कथाएं कह चुके हैं। दुनिया भर में ज्यादातर लोग इन्हें ‘ठाकुर जी’ के नाम से भी जानते हैं।
विवाह – पूज्य मृदुल कृष्ण शास्त्री जी का विवाह पूज्य वंदना गोस्वामी से हुआ तथा इनके पुत्र का नाम गौरव कृष्ण शास्त्री है।
श्रीभागवत मिशन ट्रस्ट – पूज्य मृदुल कृष्ण शास्त्री जी ‘श्री भागवत मिशन ट्रस्ट’ के सक्रिय सदस्य है ये वही संस्था है जिसके माध्यम से वृन्दावन में 100 से अधिक गायों वाली गौशाला चल रही है तथा ‘श्रीराधा स्नेह बिहारी’ आश्रम संचालित है।