Sunday, June 29, 2025
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तेन्दूपत्ता बोनस वनवासियों की मेहनत का सम्मान: डॉ. रमन सिंह

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** बोनस तिहार में आदिवासियों ने किया मुख्यमंत्री का अभिनंदन
** दो जिलों के लगभग 75 हजार संग्राहकों को मिला बोनस
करीब 69.80 करोड़ के निर्माण कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन

रायपुर / मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का आज कोण्डागांव जिले के ग्राम धनोरा (केशकाल) में आयोजित तेन्दूपत्ता बोनस तिहार के अवसर पर बस्तर संभाग के दो जिलों-कोण्डागांव और नारायणपुर के आदिवासियों को ने विशाल पुष्पमाला पहनाकर गर्मजोशी के साथ आत्मीय अभिनंदन किया। उन्होंने तेन्दूपत्ता बोनस के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया।

डॉ. रमन सिंह ने बोनस तिहार में हजारों की संख्या में आए वनवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा-आज ऐतिहासिक दिन है, जब हम सब यहां अपने मेहनतकश तेन्दूपत्ता संग्राहकों को बोनस देने के लिए एकत्रित हुए हैं। तेन्दूपत्ता तोड़ाई में काफी मेहनत लगती है। राज्य सरकार ने वनवासियों की इस मेहनत का सम्मान करते हुए जहां प्रदेश में तेन्दूपत्ता तोड़ाई की दर 450 रूपए प्रतिमानक बोरा से बढ़ाकर बीते सीजन में 1800 रूपए और आगामी सीजन के लिए ढाई हजार रूपए कर दिया है, वहीं उन्हें तेन्दूपत्ता कारोबार में लाभ अर्जित करने वाली प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों की शुद्ध आमदनी में से 80 प्रतिशत राशि प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) के रूप में भी दी जा रही है। यह बोनस उनकी मेहनत का सम्मान है।

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डॉ. सिंह ने कहा-छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहां आगामी सीजन में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा ढाई हजार रूपए का पारिश्रमिक मिलेगा। उनके लिए चरण पादुका योजना भी चलाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा-तेन्दूपत्ता श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा की बेहतर सुविधा देने के लिए छात्रवृत्ति आदि योजनाओं का भी संचालन किया जा रहा है। अब उनके परिवारों के बच्चे भी डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस और आईपीएस अधिकारी बन सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा-नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के 11वंी-12वीं के बच्चों के लिए प्रयास आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है, वहां के बच्चों को निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है और उन्हें भी अब आईआईटी और एनआईटी जैसी संस्थाओं में पढ़ाई करने का मौका मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों के लिए संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।

कार्यक्रम में दोनों जिलों के तीन वनमंडलों-केशकाल, दक्षिण कोण्डागांव और नारायणपुर के जिला लघु वनोपज संघों से संबंधित प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के 74 हजार 791 तेन्दूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2016 के संग्रहण कार्य पर 6 करोड़ रूपए का प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) ऑनलाइन दिया गया। इनमें कोण्डागांव वन मंडल की 29, केशकाल वनमंडल की 16 और नारायणपुर वन मंडल की 8 समितियों के सदस्य शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इनमें से कई संग्राहकों को प्रतीक स्वरूप बोनस प्रमाण पत्र प्रदान कर बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कार्यक्रम में कोण्डागांव जिले के लिए विभिन्न विभागों से संबंधित लगभग 69 करोड़ 80 लाख रूपए के 14 विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण, भूमिपूजन और शिलान्यास किया। इनमें ये निर्माण कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और लोक निर्माण विभाग आदि से संबंधित हैं।

उन्होंने कहा-कोण्डागांव जिले का गठन पांच वर्ष पहले वर्ष 2012 में और नारायणपुर जिले का गठन दस वर्ष पहले 2007 में किया गया था। दोनों नवगठित जिलों ने थोड़े ही समय में विकास के विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी सफलता हासिल की है। नये जिलों में अधोसंरचना विकास के कार्य भी तेजी से हो रहे हैं। कोण्डागांव जिले में भंवरडीह नदी पर पुल निर्माण होने के बाद यहां के हजारों ग्रामीणों को बारहमासी आवागमन की सुविधा मिल रही है। डॉ. सिंह ने कहा-आदिवासी जिलों सहित पूरे प्रदेश में विकास के अनेक कार्य विगत 14 वर्षों में हुए हैं और लगातार हो रहे हैं। प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर बिजली योजना (सौभाग्यम योजना) के तहत प्रदेश के विद्युत विहीन सभी घरों को अगले छह माह के भीतर बिजली का कनेक्शन दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा-इस योजना के तहत प्रदेश के 60 हजार से ज्यादा मजरों-टोलों का भी शत-प्रतिशत विद्युतीकरण किया जाएगा।

तेन्दूपत्ता बोनस तिहार में मुख्यमंत्री के साथ स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री केदार कश्यप, राजस्व और उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, वन मंत्री महेश गागड़ा, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम की अध्यक्ष सुश्री लता उसेंडी, राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के अध्यक्ष भरत साय, वन विकास निगम के अध्यक्ष श्रीनिवास मददी, विधायक कोण्डागांव मोहन मरकाम, कांकेर के लोकसभा सांसद विक्रम उसेंडी, बस्तर के लोकसभा सांसद दिनेश कश्यप, बस्तर और दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भोजराज नाग, कमिश्नर बस्तर संभाग दिलीप वासनीकर, कलेक्टर कोण्डांगाव नीलकण्ठ टेकाम, कलेक्टर नारायणपुर टोपेश्वर वर्मा और दोनों जिलों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे।

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