बलरामपुर-राजपुर से रंजीत सोनी / बलरामपुर जिले का पस्ता थाना क्षेत्र के ग्राम कंडा के जंगल में 14 जुलाई 2018 को एक किशोरी की लाश बरामद की गई थी, जिसकी हत्या कनपटी में गोली मारकर की गई थी और जिसकी शिनाख्तगी नहीं हो पा रहे थी।
यह मामला बलरामपुर पुलिस के लिए एक चुनौती बन गई थी। लगातार बलरामपुर पुलिस किशोरी की शिनाख्त में जुटी हुई थी, बलरामपुर पुलिस ने किशोरी की पोस्टर आसपास सभी जगहों में लगाकर और सोशल मीडिया में फोटो को वायरल कर किशोरी की पहचान करने में जुटी हुई थी, लेकिन किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिल पा रही थी। इसी बीच बलरामपुर कलेक्टर ने सॉरी की पहचान करने वालों के लिए नगर ₹5000 का इनाम घोषित कर दिया था। 10 दिनों के बाद सोशल मीडिया में वायरल हुए फोटो की पहचान की सूचना पस्ता थाना को मिली।
किशोरी की पहचान छत्तीसगढ़ राज्य के पडोसी राज्य झारखंड के जिला पलामू थाना छतरपुर के अंतर्गत ग्राम अमवा की निवासी अकबर हुसैन की पुत्री सगुफ्ता परवीन उर्फ सोनम के रूप में हुई। पहचान के बाद बलरामपुर पुलिस ने किशोरी के परिजनों से संपर्क कर विवेचना को आगे बढ़ाया, विवेचना के दौरान पुलिस को ज्ञात हुआ की उक्त किशोरी के गुमने के संबंध में छतरपुर थाने में भुला कुमार और धर्मेंद्र कुमार के नाम अपराध पंजी बद्ध होना पाया।
बलरामपुर पुलिस भोला कुमार को अपराधी मानकर उसकी तलाश में जुट गई, तभी मामले में नया खुलासा हुआ और जिस भोला कुमार को दोनों राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी। उसका शव लातेहार जिला के बारेसाड़ थाना के अंतर्गत सुगा बांध जल प्रपात के पास भोला कुमार की शव पाय जाने की जानकारी मिली जिस की जानकारी बलरामपुर पुलिस ने ली जहां पता चला थी। इस युवक की हत्या 13 जुलाई यानी किशोरी की हत्या से पहले कर दी गई थी। लातेहार जिला के बारेसाड़ थाना ने भोला कुमार की लाश को अजीमुल्लाह खान की लाश समझकर दफन कर दिया था चुकी लाश के पास अजीमुल्ला खान के नाम का गाड़ी के कागजात पड़ा मिला था। बाद में पुलिस ने भोला कुमार के परिजनों से पहचान कर आए गया तो लाश की पहचान भोला कुमार के रूप में किया गया।
जिसे बलरामपुर पुलिस अपराधी समझ रहा था उसकी हत्या तो किशोरी से पहले हो चुकी थी जिससे यह मामला और भी पेचीदा हो गया था पुलिस को समझ नहीं आ रही थी कि इन दोनों हत्या के पीछे किसका हाथ है। तभी पुलिस ने भुला कुमार के शव के पास मिले गाड़ी के कागजात पर नजर गई और उस व्यक्ति को तलाश किया जाने लगा जिसके नाम की कागजात बरामद हुई थी, इसी दौरान पुलिस को पता चला कि अजी मुल्ला खान एक सजायाफ्ता मुजरिम है जिसके ऊपर कई अपराध दर्ज है। जिसकी तलाश दोनों राज्यों के पुलिस जोरों से करने लगे, इसी दौरान पुलिस की मुलाकात अजी मुल्ला खान की बहन नजमा खातून से हुई जिसने पुलिस को सारी बात साफ साफ बता दी, जिसे यह केश पूरी तरीके से आईने की तरह साफ हो गई।
नजमा खातून पुलिस को बताया कि उस लड़की का पिता अकबर उसने ही दोनों को जान से मारने के लिए अजी मुल्ला को 4 लाख रुपय की सुपारी दी थी, उसे बिल्कुल गवारा नहीं था कि उसकी बेटी दूसरे कौम के लड़के के साथ किसी प्रकार का संबंध बनाए, वह अपनी बदनामी के डर से दोनों को जान से मारने के लिए सुपारी जी थी।
फिलहाल पुलिस अकबर हुसैन को गिरफ्तार नहीं कर पाई है, पुलिस ने सुपारी लेने वाले अजीमुल्लाह अंसारी, शागीर हुसैन, इकबाल अंसारी, जिन्नत हुसैन, जलाल अंसारी, एवं नजमा खातून को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है की बहुत जल्द बाकी फरार हुए मुजरिम को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।