रायपुर / आरटीआई एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता संजीव अग्रवाल ने देवेंद्र नगर, रायपुर स्थित श्री नारायणा हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि, गगनेस्वर नागवंशी, पुत्र, भागीरथी नागवंशी जो कि देवेन्द्र नगर, रायपुर स्थित श्री नारायणा हॉस्पिटल में भर्ती है, उसका करीब 70000 रुपए का का बिल है। अस्पताल प्रबंधन मरीज़ को डिस्चार्ज नहीं कर रहा है तथा बंधक बनाकर रखा हुआ है। अस्पताल प्रबंधन के लोग कहते हैं कि पैसे दो और मरीज़ को ले जाओ। अब गरीब परिवार पैसा कहां से लाएगा? जबकि शासन से प्राप्त जमीन के अनुबंध में उल्लेख है कि वह 15 पर्सेंट ग़रीबों का मुफ्त में इलाज करेगा परंतु डॉक्टर सुनील खेमका द्वारा ग़रीबों का इलाज नहीं करते है बल्कि उन्हें मानसिक रूप से परेशान करके ज़बरदस्ती मरीज़ को अपने अस्पताल में बंधक बना कर रखे हुए हैं।
संजीव अग्रवाल ने सरकार से निवेदन किया है कि ऐसे हॉस्पिटल जिनको शासन से कम कीमत पर ज़मीन मिली हो और वे मरीज़ों को इसका फायदा नहीं देते हैं ऐसे सूरत में इन अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए तथा गरीब परिवार के मरीज़ो को तत्काल डिस्चार्ज किया जाना चाहिए।
समाजसेवी संजीव अग्रवाल ने बताया कि कल उनके द्वारा का D M E (संचालक स्वास्थ) को शासन एवं श्री नारायणा अस्पताल के बीच हुए अनुबंध की प्रतिलिपि देकर कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई है और अगर त्वरित कर्रवाई नहीं होती है तो उनके द्वारा होने वाले आंदोलन के लिए शासन एवं श्री नारायणा अस्पताल स्वयं ही जिम्मेदार होगा।