जस्टिस मिश्रा ने कहा कि कोई व्यक्ति जेल में रहकर यह महसूस न करें कि उसे किसी प्रकार की मद्द नहीं मिल रही है। विधिक सेवा प्राधिकरण इसके लिए कार्य कर रहा है। बंदी अपनी समस्याओं और तकलीफों के संबंध में पत्र लिखकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अधीक्षक जेल को सूचित कर सकते हैं। जस्टिस मिश्रा ने बताया कि विधिक सेवा दिवस के अवसर पर न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार 10 दिवसीय घर-घर संपर्क अभियान प्रारंभ किया गया है। जिसमें पैरालीगल वॉलिंटियर्स, पैनल अधिवक्ता एवं समाज के अन्य व्यक्तियों के द्वारा दूरस्थ अंचलों, वनांचलों में रहने वाले व्यक्तियों को विधिक सेवा योजनाओं की जानकारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि जेल में जो बंदी कार्य करना चाहते हैं उनके लिए कौशल विकास कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जिसमें वे अपना समय और श्रम लगा सकते हैं। जाने-अनजाने किसी कारण से अपराध हो जाता है, उनके लिए यह अवसर है कि वे अपने आचरण और व्यवहार में बदलाव लाये तथा समाज में एक उदाहरण बने।
कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर ने अपने संबोधन में कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा केन्द्रीय जेल के बंदियों के लिए लीगल एड क्लीनिक की स्थापना की है तथा यहां पर दो पुरूष पैनल अधिवक्ता तथा दो महिला पैनल अधिवक्ताओं को पुरूष एवं महिला बैरकों के लिए नियुक्त किया गया है। जेल बंदियों के बीच से ही 20 बंदियों को प्रषिक्षित कर पैरालीगल वॉलिटियर्स नियुक्त किया गया है। जिनके माध्यम से निरंतर जेल बंदियो के संपर्क में रहते हैं और बंदियों को विधिक सहायता एवं अन्य समस्याओं के संबंध में उपयुक्त मदद उपलब्ध करवाते हैं।

कार्यक्रम के प्रारंभ में केन्द्रीय जेल अधीक्षक एस.एस. तिग्गा ने जेल में बंदियों की जानकारी तथा उनके द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी।
कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्षन दिग्विजय सिंह, उप सचिव, छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन श्री विष्वभूषण मिश्रा, विधिक सहायता अधिकारी द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के पश्चात् न्यायमूर्ति  प्रषांत कुमार मिश्रा द्वारा केन्द्रीय जेल बिलासपुर का निरीक्षण किया गया। जेल से राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर में स्थापित न्याय संगवारी में विडियो कान्फ्रेसिंग से चर्चा की गई। केन्द्रीय जेल की लायब्रेरी तथा कौषल विकास कार्यषाला का अवलोकन किया गया। कार्यक्रम में जिला न्यायालय के न्यायाधीषगण, अधिवक्तागण आदि उपस्थित थे।