अम्बिकापुर / स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव के निर्देशों का मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर्स और नर्स पर कोई असर नहीं हो रहा है। यहा मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला एक बार फिर सामने आया है यहां अस्पताल में प्रसूता महिला का मिसकैरेज होने के बाद डॉक्टर ने गर्भ की सफाई के लिए दो हजार रुपए वसूल कर लिए जो वीडियो में पूरा दिख रहा है, तो वही एक नर्स ने डिस्चार्ज पेपर बनाने के नाम पर भी उससे दो सौ रुपए ऐंठ लिए। सबसे बड़ी बात तो यह है कि अपने बच्चे को गंवाने का दुःख झेल रहा युवक अपनी गरीबी पर रोता रहा परन्तु वे पसीजे नहीं और अंततः उसे दूसरों से कर्ज लेकर पत्नी का उपचार कराना पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार बलरामपुर जिले के ग्राम विमलापुर निवासी 27 सनकुंवर पति मानसिंह गोंड दो माह की गर्भवती थी और उसका उपचार बलरामपुर में चलता था। पिछले दिनों महिला की प्रसूता की तबियत खराब होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टर ने महिला का मिसकैरेज होने पर उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सफाई के लिए रिफर कर दिया था। महिला के पति मान सिंह का आरोप है कि वो अपनी पत्नी को लेकर 2 जनवरी को मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचा था जहां उसे एमसीएच में भर्ती कराया गया था। एमसीएच में जांच के बाद महिला डॉक्टर ने उसके गर्भ की सफाई के लिए दो हजार रुपयों की मांग की थी, जिस पर मानसिंह ने पैसे नहीं होने का हवाला दिया था की वह इतने पैसे कहाँ से लाएगा। परन्तु महिला चिकित्सक नहीं मानी और पैसे लाने पर ही सफाई करने की बात कहकर वहां से चली गई। इसके बाद महिला मृत बच्चे को गर्भ में लिए हुए पांच दिनों तक अस्पताल में ही पड़ी रही। इस दौरान उसका पति डॉक्टर के चक्कर लगाते रहा परन्तु उस महिला चिकित्सक ने उसकी नहीं सुनी।
आपको बता दें कुछ दिन पूर्व ही इलाज में लापरवाही बरतने की शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने एक डॉक्टर दो नर्सों को निलंबित कर दिया था। इसके बावजूद अस्पताल की अव्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा लगता है मानो अस्पताल प्रबंधन को स्वास्थ्य मंत्री का कोई भय नही है।