कोरिया / केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सवर्णो के हित मे 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसके बाद लोकसभा और राज्यसभा में बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति ने भी इसे मंजूरी दे दी। अब आरक्षण नियमों में बदलाव कर इसे संवैधानिक रूप दिए जाने की तैयारी चल रही है।
भाजपा शासित गुजरात और झारखण्ड ने इसे अपने यहां लागू कर दिया है,अन्य प्रदेशों में भी इसे शीघ्र लागू करने की दिशा में काम चल रहा है। लेकिन यह छत्तीसगढ़ के निवासियों, बेरोजगार भाइयों बहनों के साथ खिलवाड़ है कि सरकार इस आरक्षण को प्रदेश में लागू नही करना चाह रही है। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष शैलेष शिवहरे ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार इस बात से डर गई है कि कहीं आरक्षण लागू कर दिया गया तो आगामी लोकसभा चुनाव में इसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिल जायेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना के चक्कर में सवर्ण वर्ग के गरीबों के हितों की अनदेखी कर रही है,जिसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने सवर्णों को आरक्षण दिया है यह किसी एक राज्य का मामला नही है। पूरे देश में सवर्ण गरीबों की स्थिति आज क्या है सभी जानते है। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष शैलेष शिवहरे ने कहा कि कांग्रेस के नेता सवर्ण आरक्षण को चुनावी हथकंडा बता रहे हैं,लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस केंद्र सरकार के इस निर्णय से डर गई है। और अगर कांग्रेस नेता इसे चुनावी हथकंडा बता रहे हैं तो फिर उन्होंने बिल को संसद में पास कराने में योगदान ही क्यों दिया। श्री शिवहरे ने सरकार से मांग किया है कि वह केंद्र सरकार के सवर्ण हितैषी इस महत्वपूर्ण निर्णय को बिना भेदभाव के प्रदेश में भी लागू करे और अगर सरकार ऐसा नही करती है तो हम सड़क में उतरकर पुरजोर विरोध के लिए भी तैयार हैं।