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बिजली की समस्या पिछली सरकार रमन सिंह की देन है : कांग्रेस

00 आम जनता की असुविधा के लिये पूर्ववर्ती सरकार जिम्मेदार

00 भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी ने पूरे बिजली विभाग के तंत्र को पहुंचाया नुकसान

00 बिना लाइन कैपेसिटी, टांसफार्मर या सबस्टेशन बढ़ाये लोड बढ़ाया गया

रायपुर / प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता एम.ए. इकबाल ने कहा है कि बिजली की समस्या पिछली सरकार रमन सिंह की ही देन है। आम जनता की असुविधा के लिये पूर्ववर्ती सरकार जिम्मेदार है। भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी ने पूरे बिजली विभाग के तंत्र को नुकसान पहुंचाया है। बिजली का बिल हाफ करने से भाजपा घबरा गई है और जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। 

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एम.ए. इकबाल ने 15 वर्षो की रमन सरकार पर यह आरोप लगाया है कि मोदी सरकार की सौभाग्य योजना का लक्ष्य पूरा करने की हड़बड़ी में बिना ट्रांसमीशन लाईन की केपिसिटी बढ़ाये, ट्रांसफार्मरों और सबस्टेशनों के बिना क्षमता बढ़ाये और नये ट्रांसफार्मर और नये सबस्टेशन लगाये बिना लोड बढ़ाया गया और आधा अधूरा काम किया गया, जिसमें भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। जिसके कारण ही बिजली बार-बार गुल हो रही और आम जनता को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता एम.ए. इकबाल ने बताया कि आज पावर कंपनी पिछले वर्षो से अधिक बिजली का रिकार्ड उत्पादन लगभग 4444 मेगावाट कर रही है एवं प्रदेश में इस समय मांग 4416 मेगावाट की है। इस प्रकार बिजली की प्रदेश में कमी तो नहीं है परंतु पिछले समय उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण की खरीदी नहीं की गयी तथा कर्मचारियों की कमी की समस्या को भी दूर नहीं किया गया। पिछले 15 वर्षो में कर्मचारियों की नई भर्ती भी नहीं की गयी। कर्मचारियों के रिटायर होने पर या मृत्यु होने पर उन खाली पदों की पूर्ति भी नहीं की गयी। जिससे उचित रूप से लाईन का रख-रखाव का कार्य प्रभावित हुआ। भाजपा की सरकार ने विद्युत कंपनी को खस्ताहाल में छोड़कर गयी है, जिसे सुधारने की आवश्यकता है।

गरियाबंद से देवभोग की 140 किमी लंबी सिंगल फीडर वाली लाइन में पिछले वर्ष लगभग 30 हजार से ऊपर सौभाग्य योजना के अंतर्गत कनेक्शन दे दिये गये, परंतु इसके पड़ने वाले अतिरिक्त लोड की ओर ध्यान नहीं दिया गया। वैसे भी यह लाइन गरियाबंद से देवभोग तक टैल एंड पर होने के कारण वोल्टेज की समस्या पिछले कई वर्षो से है जिसके समाधान के लिये डॉ. रमन सिंह जी की सरकार को इस लाईन के बीच में 132 केवी सबस्टेशन का निर्माण किया जाना चाहिये था जो नहीं किया गया। विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण कांग्रेस की सरकार द्वारा नये टेंडर किये जाने की असमर्थता रही, परंतु आने वाले दिनों में यह कार्य शीघ्रता से किये जाने की संभावना है। गरियाबंद से देवभोग के बीच मैनपुर का घना जंगल है, जहां नक्सलाइट गतिविधि के कारण पेड़ आदि काटकर गिरा दिये जाते है, जिससे लाईन बंद हो जाती है। आश्चर्य की बात है कि पिछली सरकार ने इस क्षेत्र में पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति भी नहीं की गयी। मात्र 1 सहायक यंत्री एवं 1 कनिष्ठ यंत्री के भरोसे इतना बड़ा एरिया चल रहा है।

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