नई दिल्ली / देश आज 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार सुबह लाल किला पर तिरंगा फहराया। उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को छठी बार संबोधित किया. उन्होंने करीब 92 मिनट का भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की बधाई दी। उन्होंने वीरों को नमन किया।
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए देश का भविष्य ही सबकुछ है, राजनीतिक भविष्य कुछ भी नहीं है। पीएम मोदी ने अपने भाषण का अंत ‘जय हिंद’ और ‘भारत माता की जय’ के उद्घोष से किया। पीएम मोदी भाषण खत्म होने के बाद लाल किले पर मौजूद स्कूली बच्चों के बीच पहुंचे। वहां उन्होंने बच्चों से हाथ मिलाया और उनसे मुलाकात की। सेना को लेकर पीएम मोदी ने बड़ा ऐलान किया कि देश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का नया पद बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरी सैन्य शक्ति को एकसाथ मिलकर चलना होगा।सीडीएस के तहत पूरी सैन्य शक्ति एकसाथ काम करेगी। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवतावाद के खिलाफ छेड़ा गया युद्ध है। आतंकवाद ने हमारे पड़ोसी देशों को भी तबाह करके रखा है। बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान आतंकवाद के जूझ रहे है। भारत आतंकवाद फैलाने वालों से मजबूती से लड़ रहा है। हमारा संकल्प मजबूत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की जरूरत पर एक बार फिर जोर देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा देश को महान बनाने के लिए आवश्यक है। 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज भारत एक साथ चुनाव कराने के बारे में बात कर रहा है जो अच्छी बात है। पिछले साल अगस्त में विधि आयोग ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की थी ताकि जनता के धन को बचाया जा सके। इस संबंध में एक मसौदा, कानून मंत्रालय को सौंपा जा चुका है। हालांकि उसमें यह भी कहा गया है कि संविधान के मौजूदा स्वरूप में एक साथ चुनाव संभव नहीं हैं। केंद्र पिछले कुछ समय से इस विचार पर काम कर रहा है। सरकारी थिंक-टैंक नीति आयोग ने पिछले साल सुझाव दिया था कि 2024 से लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ दो चरणों में कराया जाए, ताकि चुनाव प्रचार संक्षिप्त हो और प्रशासन में व्यवधान कम हो। इस मुद्दे पर गहन विचार विमर्श के लिए सरकार एक समिति का गठन करेगी।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के सरकार के कदम की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘हम समस्यों को न टालते हैं, न पालते हैं।’’ प्रधानमंत्री ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम समस्याओं को टालते भी नहीं और पालते भी नहीं हैं। अब न टालने का समय है और न ही पालने का समय है। सरकार बनने के 70 दिनों भीतर संसद के दोनों सदनों ने अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने का निर्णय का अनुमोदन किया।’’ मोदी ने कहा, ‘‘देशवासियों ने जो काम दिया, हम उसे पूरा कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन को लेकर हर सरकार ने कुछ न कुछ प्रयास किया, लेकिन इच्छा के अनुरूप परिणाम नहीं मिले हैं। मोदी ने कहा, ‘‘ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सपनों को पंख लगें, यह हम सबकी जिम्मेदारी है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो लोग अनुच्छेद 370 की वकालत कर रहे हैं उनसे देश पूछ रहा है कि अगर यह इतना महत्वपूर्ण था तो इसे आप लोगों ने स्थायी क्यों नहीं किया, अस्थायी क्यों बनाए रखा ?’’ उन्होंने कहा, ‘‘नयी सरकार को 10 हफ्ते भी नहीं हुए हैं, लेकिन इस छोटे से कार्यकाल में सभी क्षेत्रों में हर प्रयास को बल दिए गए हैं, हम पूरे समर्पण के साथ सेवारत हैं।’’ मोदी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया गया और आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून में संशोधन किया गया ।
पीएम मोदी ने बढ़ती जनसंख्या का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह जनसंख्या विस्फोट हमारे लिए और हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए बड़ा संकट पैदा करता है। छोटे परिवार वालों से सीखने की जरूरत है। आबादी का शिक्षित और स्वस्थ रखना जरूरी है। छोटा परिवार रखकर भी कई लोग देशभक्ति प्रकट करते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से देश को काफी नुकसान हो रहा है। हम पारदर्शिता को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। व्यवस्थाओं को चलाने वाले लोगों के दिल और दिमाग में बदलाव जरूरी है। भ्रष्टाचार और कालेधन को हटाने के लिए किए जाने वाले सभी प्रयासों का स्वागत है.।इन मुद्दों ने पिछले 70 साल में देश को खोखला किया है।