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बैकुण्ठपुर में बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा

कोरिया / कोरोना संकट के बीच आज भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकली। बता दे सुप्रीम कोर्ट की सोशल डिस्टेंसिंग समेत तमाम गाइडलाइन्स के बीच रथयात्रा निकली। पुरी व देश के तमाम शहरों की तरह कोरिया जिले में भी बिना श्रद्धालुओं की मौजूदगी में रथ यात्रा निकाली गई।

गौरतलब हो कि देवरहा सेवा समिति द्वारा नगर के प्रेमाबाग मंदिर परिसर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पूरे हर्षोल्लास से निकाली गई। कोरोना महामारी की वजह से आयोजकों ने पूर्व ही शहर के श्रद्धालुओं को आगाह कर दिया था कि इस बार यह रथयात्रा प्रतीकात्मक रूप में निकाली जाएगी अतः श्रद्धालु न पहुँचे। यही वजह रही कि बस मंदिर समिति व देवरहा सेवा समिति के पदाधिकारी और सदस्य रथ यात्रा कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

आपको बता दे कि रथयात्रा दोपहर 3.30 बजे महाप्रभु जगरनाथ मंदिर से विधिवत पूजा अर्चना के उपरांत निकाली गई। जिसमें समिति के अलावा अन्य भक्तो को शामिल होने पर रोक के कारण भीड़ नही दिखी।

भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। गुंडिचा मंदिर भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता है। यहां भगवान 7 दिनों तक आराम करते हैं। इसके बाद वापसी की यात्रा शुरु होती है। ओडिशा में पुरी के अलावा भी कई जगहों पर ऐसी यात्राएं आयोजित की जाती हैं।

इस दौरान देवरहा बाबा सेवा समिति के अध्यक्ष शैलश शिवहरे, अनुराग दुबे, अनिल खटीक, एम एल सोनी, बी एल सोनी, आशीष शुक्ला, यादवेन्द्र मिश्रा, धनेंद्र मिश्रा, भानु पाल, सुभाष साहू, राजीव चोदहा, घनश्याम साहू, रमा कांति तिवारी, कवि, अभय दुबे, आयुष नामदेव, आनंद सिंह, सुशील कुमार शर्मा, डॉ पटेल ने सहभागिता निभाई।

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