Advertisement Carousel

सुरक्षा एजेंसियों ने 5 अगस्त तक हमले का अलर्ट जारी किया, कश्मीर में आतंकियों के निशाने पर भाजपा नेता

जम्मू / कश्मीर में भाजपा दो मोर्चों पर जूझ रही है। एक तरफ कोरोना संक्रमण और दूसरा आतंकी हमले का खतरा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना के कोरोना संक्रमित होने के साथ कई पार्टी नेताओं ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया है। वहीं, पिछले एक सप्ताह में वादी में भाजपा नेताओं पर आतंकी हमले व अपहरण के मामले भी बढ़े हैं। इस बीच, पुलिस की सुरक्षा शाखा ने भी पांच अगस्त तक भाजपा नेताओं पर आतंकी हमले का अलर्ट जारी करते हुए सतर्क रहने की सलाह दी है।

कश्मीर में तिरंगा उठाकर राष्ट्रवादी ताकतों को मजबूत बनाने की मुहिम चला रहे कई भाजपा नेता व कार्यकर्ता आतंकियों के निशाने पर हैं। पिछले सप्ताह कश्मीर के बांडीपोरा में आतंकियों ने भाजपा नेता वसीम बारी, उनके पिता व भाई की हत्या कर दी थी। उसके बाद गत बुधवार को सोपोर में आतंकियों ने भाजपा नेता मेहराजुद्दीन मल्ला को अगवा कर लिया था, हालांकि उन्हें 10 घंटे में रिहा करवा लिया गया था।

दरअसल, पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने का एक साल पूरा हो रहा है। ऐसे हालात में सभी को अंदेशा है कि आतंकी भाजपा नेताओं को निशाना बना सकते हैं। पुलिस की सुरक्षा शाखा ने कश्मीर के कुछ स्थानीय भाजपा नेताओं पर आतंकी हमला होने की आशंका संबंधी अलर्ट जारी किया है। सुरक्षा शाखा कश्मीर के एसएसपी इम्तियाज हुसैन ने भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर को अलर्ट किया है कि अल बदर के आतंकवादी पुलिस की वर्दी में उन पर हमला कर सकते हैं। ऐसे में वे सर्तकता बरतते हुए अपनी मूवमेंट के बारे में पुलिस को पहले से जानकारी दें। अल्ताफ ठाकुर की सुरक्षा में पहले से कई पीएसओ तैनात हैं।

कश्मीर में भाजपा के श्रीनगर जिला के प्रधान अशोक पंडित भी अपनी सुरक्षा का मुद्दा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना से उठाया था। इस समय कश्मीर में बन रहे हालात को ध्यान में रखते हुए पार्टी हाईकमान भी सुरक्षा को लेकर गंभीर है। ऐसे में अविनाश राय खन्ना भी लगातार यह मामला प्रशासन से उठा रहे हैं। पंडित का कहना है कि वह मार्च 2019 से पुलिस प्रशासन को उचित सुरक्षा देने का मुद्दा उठा रहे हैं लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के समय भी यह मुद्दा उठाया गया था। अब पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह से यह मामला उठाया गया है। उन्होंने बताया कि कश्मीरी पंडित नेता वैसे भी कश्मीर में आतंकवादियों के सीधे निशाने पर हैं। उनका कहना है कि सुरक्षा शाखा की ओर से सुरक्षा देने के मामले में भी भेदभाव हो रहा है।

error: Content is protected !!