सरगुजा / अम्बिकापुर-सरगुजा संभाग अंतर्गत वनवृत सरगुजा के बलरामपुर वनमण्डल का कार्यभार वर्तमान में एक प्रभारी वनमंडलाधिकारी(SDO) के भरोसे ही चल रहा है।जबकि छत्तीसगढ़ में वनमण्डल सामान्य, वाइल्डलाइफ और एलिफेंट रिजर्व को मिलाकर कुल 53 डिवीजन के विरूद्ध लगभग 100 से भी ज्यादा आईएफएस अफसर मौजूद है फिर भी सरगुजा वनवृत के सबसे बड़े वनमण्डल की जिम्मेदारी सरकार ने एक प्रभारी डीएफओ के कांधों पर किस आधार दिया है यह फिलहाल किसी के गले नही उतर रहा है। ऐसे में हर एक का यही मानना है कि जब राज्य में आईएफएस अफसरों की कमी नही फिर भी एक एसडीओ का प्रभारी डीएफओ बनना जुगाड़ ही हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों छत्तीसगढ़ के वनविभाग में बलरामपुर वनमण्डल की जिम्मेदारी वर्तमान सरकार ने एक ऐसे अफसर को दी है जो कुछ माह पूर्व ही बर्खास्तगी के बाद दोबारा शासकीय सेवा में लौटे हैं इसके पूर्व इन्हें पूर्ववर्ती सरकार ने शासकीय कार्य मे अनियमितता पर सेवा से बर्खास्त कर दिया था।हालांकि अपने बर्खास्तगी के मामले को SDO ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी और इन्हें दोबारा शासकीय सेवा में रखा गया।
आपको बता दे कि SDO लक्ष्मण सिंह के बैच के लगभग लगभग अधिकारी आईएफएस में प्रमोट हो चुके है लेकिन शासकीय सेवा से पदमुक होने के कारण SDO साहब पिछड़ गए शायद यही कारण होगा कि की राज्य सरकार ने बिना प्रमोशन ही DFO की कुर्सी पर इन्हें विराजमान कर दिया गया जबकि वर्तमान में कई काबिल IFS अफसर कतार पर है और उन्हें मौका नही मिल पा रहा है।
प्रभारी डीएफओ लक्ष्मण सिंह पूर्व में जब अपने शासकीय सेवा के दौरान वनमण्डल बैकुंठपुर में पदस्थ थे उस दौरान ही उन्होंने मिशन रोड स्थित वनविभाग के बने शासकीय आवास को नियम विरुद्ध तरीके से तोड़ कर बंगले जैसा निर्माण कर लिया था,तब से ही इस शासकीय भूमि पर बने बंगले में इनका अवैध कब्जा आज तक है।चूंकि अब इन्हें प्रभारी डीएफओ होने के नाते बलरामपुर में शासकीय आवास अलॉट है फिर भी पुराने कब्जे वाले बंगले में आज भी इनका आना जाना लगा रहता है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस शासकीय आवास को SDO द्वारा हथियाने के नियत से तरह तरह के हथकण्डे अपनाए जा रहे है।यहां तक कि इन्होंने इस बंगले को अपनी पत्नी के नाम दर्ज करवाने आवेदन भी पेश करवाया है।
प्रभारी डीएफओ अपने धाक से कोरिया वनमण्डल में अपने चहेते को कई विभागीय कार्य दिलवाते रहे है भले ही अघोषित ठेकेदार द्वारा कार्य मे अनियमितता किया जाए लेकिन फिर भी लाखों के कार्य सिर्फ इनके कहने से ही मिल जाता है।जानकारी के मुताबिक कोरिया वनमण्डल में वनोपज संग्रहण केंद्र के लिए शेड निर्माण कार्य इनके चहेते को दे दिया गया जिसका निर्माण कार्य घटिया कराकर लाखों का भ्रष्टाचार किया गया जिसको लेकर कोरिया वनमण्डल के अधिकारी कार्रवाई करने को लेकर अब भी असमंजस्य की स्थिति में है।