Advertisement Carousel

जीएसटी विसंगतियों के विरोध में कैट का छत्तीसगढ़ बंद 26 फरवरी को, 100 से ज्यादा व्यापारिक संगठनों ने दिया समर्थन

रायपुर। जीएसटी विसंगतियों के विरोध में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का 26 फरवरी को भारत बंद होगा। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी संजय चैबे ने बताया कि जीएसटी विसंगतियों के विरोध में कैट के भारत बंद के समर्थन में कई व्यापारिक संगठनों ने स्व-स्फूर्त समर्थन देने का वादा किया है।
प्रदेश के बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स, बिलासपुर संभागीय चेम्बर आॅफ काॅमर्स, कोरबा चेम्बर आॅफ काॅमर्स, कांकेर चेम्बर आॅफ काॅमर्स, महासमुंद चेम्बर ऑफ कॉमर्स, के साथ ही प्रदेशभर के 100 से ज्यादा व्यापारिक संगठनों का समर्थन मिल चुका है।

आपको बता दे कि राजधानी रायपुर में अब तक 50 से अधिक व्यापारिक संगठनों ने बंद को सफल बनाने के लिए समर्थन दिया है। कैट के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि जीएसटी के घातक परिणामों की वजह से व्यापारी त्रस्त हो चुके हैं। 950 संशोधन के बाद भी जीएसटी तर्क और व्यापार संगत नहीं बन सका। कैट की मांग है कि जीएसटी की विसंगतियों को दूर कर इसे सरल व सुगम बनाया जाए। कैट की प्रदेश ईकाई की इस संबंध में बुधवार को प्रदेश कार्यालय में बैठक आयोजित की गई। बैठक में बंद को सफल बनाने के लिए रणनीति बनाई गई। बंद के लिए कैट छत्तीसगढ़ चैप्टर ने छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज को चिठ्ठी लिखी है। बीते दिनों कैट ने राज्य जीएसटी मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात करते हुए जीएसटी विसंगतियों को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था। देशभर में कैट की प्रादेशिक इकाइयों के जरिए बंद के लिए बड़ी रणनीति बनाई जा चुकी है।

श्री पारवानी ने आगे कहा कि इसी कड़ी में देश भर के सभी राज्यों में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी कराधान प्रणाली में सुधार एवं सरलीकरण के सम्बंध में अपने-अपने राज्यों एवं जिलों में माननीय प्रधानमंत्री के नाम से ज्ञापन जिला कलेक्टर, जीएसटी आयुक्त, प्रधान सचिव, वित्तमंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री, विधायक एवं सांसद को सौप चुके हैं। ऐसी निराशाजनक पृष्ठभूमि में, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 26 फरवरी को भारत व्यापार बंद का आह्वान किया है, जिसे देश के व्यापारी एवं अन्य संगठनों का मजबूत एवं खुला समर्थन मिल रहा है।

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पारवानी ने बताया कि जीएसटी में निम्नाकिंत समस्या है। जिसका समाधान अतिशीघ्र होना चाहिए ।

  1. नई अधिसूचना के आधार पर जीएसटी अधिकारी अपने विवेक के आधार पर बिना कोई नोटिस दिए अथवा बिना कोई सुनवाई किये किसी भी व्यापारी का जीएसटी पंजीकरण नंबर निलंबित कर सकते हैं।
  2. केंद्रीय बजट में प्रस्तावित धारा 16 (2) (एए) जीएसटी के मूल विचार के खिलाफ है ।
  3. वहीँ जीएसटी की धारा 75 (12) में यदि गलती से व्यापारी ने अधिक टैक्स की गणना कर दी तो वह स्व कर निर्धारण टैक्स मानकर व्यापारी से धारा 79 के अंतर्गत बिना कोई नोटिस दिए वसूला जाएगा।
  4. इसी तरह से धारा 129 (1) (ए) में ट्रांसपोर्ट के द्वारा भेजे जाने वाले माल को यदि रास्ते में किसी अनियमितता के लिए रोका जाता है तो विभाग को ऐसे माल वाहक गाडी तथा उसमें रखे माल को जब्त करने अथवा अपनी हिरासत में लेने का अधिकार दिया गया है।
  5. ई-वे बिल के प्रावधानों को पालन नहीं करनें पर अभी तक इस प्रकार के मामलों में 100 प्रतिशत जुर्माना था जिसको बढ़ाकर अब 200 प्रतिशत कर दिया है ।
  6. नियम 86 बी में जीएसटी इनपुट 99 प्रतिशत तक कर दी गई है।
  7. ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है।
  8. छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने हेतु अतिरिक्त अवसर प्रदान करनी चाहिए।
  9. माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित समस्याएं दूर करनी चाहिए।
  10. संबधित प्रावधान को निरस्त करना चाहिए।
  11. रिटर्न संबंधित समस्याएं को दूर जाना चाहिए।
  12. जितना क्रेडिट जीएटीआर 2 ए में दिखेगा उतना ही क्लेम जीएटीआर 3बी किया जा सकेगा।
error: Content is protected !!