कोरिया जिले में लॉकडाउन के दौरान प्रशासन के कड़े प्रतिबंध के बावजूद रेलवे डिवीजन बिलासपुर के पूर्व आरयूसीसी सदस्य अधिवक्ता विजय प्रकाश पटेल अपने घंटानाद सत्याग्रह को जारी रखे हुए हैं और रोजाना उनके द्वारा शाम 5 बजे मनेंद्रगढ़ स्थित गांधी चौक में मुख्यमंत्री के छायाचित्र के सम्मुख 5 मिनट तक घंटानाद किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पटेल चिरमिरी-नागपुर हॉल्ट न्यू रेलवे लाईन विस्तारीकरण परियोजना के लिए तयशुदा 50 प्रतिशत का वित्तीय फण्ड अविलम्ब रिलीज किए जाने मुख्यमंत्री के छायाचित्र के सम्मुख 25 अगस्त 2020 से मनेंद्रगढ़ के गांधी चौक में रोजाना पांच मिनट तक अनवरत् घंटी बजाकर प्रदेश सरकार का ध्यानाकर्षण करा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने
अनेकों बार मुख्यमंत्री से भेंट कर उनका ध्यानाकर्षण कराया। मौखिक आश्वासन के अलावा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उन्हें
व्यक्तिगत तौर पर पत्र प्रेषित कर शीघ्र फंड रिलीज करने हेतु आश्वस्त भी किया गया है। वहीं 25 अगस्त 2020 से अब तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के संपन्न हुए 4 विधानसभा सत्रों में यह मुद्दा मुख्यमंत्री सहित विधानसभा अध्यक्ष तक ध्यानाकर्षण के माध्यम से पहुंचाया गया, लेकिन अब तक परिणाम शून्य है। हालांकि जनहित के लिए अनोखे अंदाज में शांतिपूर्वक किए जा रहे सत्याग्रह आंदोलन को हर वर्ग का सकारात्मक और व्यापक सहयोग मिल रहा है। 25 अगस्त
2020 से अनवरत जारी आंदोलन को इस माह 25 अप्रैल को पूरे 8 माह हो जाएंगे। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए समूचा कोरिया जिला 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक के लिए कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। इस दौरान गत वर्ष के लॉकडाउन से भी ज्यादा कड़े नियम बनाए गए हैं, इसके बावजूद पूर्व आरयूसीसी सदस्य पटेल ने अपने घंटानाद सत्याग्रह को जारी रखा है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में प्रशासनिक तौर पर आने-
जाने में रोकटोक होती है, इस आशंका पर कि उन्हें घंटानाद स्थल पर पहुंचने से रोक न लिया जाए, इसलिए वे प्रात: 5 बजे ही चिरमिरी स्थित अपने निवास से मनेंद्रगढ़ के लिए निकल जाते हैं और दिन भर न्यायालय भवन में गुजारने के बाद घंटानाद के तय समय शाम 5 बजे स्थल पर पहुंचकर उनके द्वारा 5 मिनट तक मुख्यमंत्री के छायाचित्र के सम्मुख 5 मिनट तक घंटानाद किया जा रहा है। पटेल ने विश्वास जाहिर किया है कि उन्हें छत्तीसगढ़ शासन पर पूरा भरोसा है और वे जब तक अपने मिशन में सफल नहीं हो जाते अपने अटूट घंटानाद सत्याग्रह को जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष के लॉकडाउन में भी प्रशासन की लाख पाबंदी के बावजूद पटेल के सत्याग्रह को रोका नहीं जा सका था। बहरहाल जनहित में शांतिपूर्वक एवं सम्मानजनक ढंग से प्रदेश के मुखिया का ध्यानाकर्षण कराने पूर्व डीआरयूसीसी सदस्य की सोच नेक है तो निश्चित ही इसके परिणाम भी सुखद होंगे।
