रायपुर / छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के निवासी आरटीआई कार्यकर्ता संजीव अग्रवाल ने एक वीडियो और रसीद की फोटो जारी करते हुए मीडिया के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर सीधे-सीधे आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में अधिकारियों के अनुत्तरदायित्व से सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव कलंकित हो रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी प्रदेश में शासन के आदेशों के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी प्रशासन की होती है और ऐसा सुचारू रूप से न होने पर इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि अधिकारी अगर तत्पर हैं तो मजाल है कि कहीं भी चूक हो?
संजीव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना के लक्षण होने पर उन्होंने 16 अप्रैल 2021 को देवेंद्र नगर, रायपुर स्थित ऑक्सफोर्ड डायग्नोस्टिक्स में उनके परिवार के तीन लोगों का RT PCR टेस्ट कराया। जिसके लिए उनसे वहां ₹ 750 प्रति व्यक्ति के हिसाब से तीन लोगों का कुल ₹ 2250 वसूल किए गए जबकि 13 अप्रैल 2021 को छत्तीसगढ़ में RT PCR के लिए ₹ 550 की सरकारी दर तय की गई है। बावजूद इसके निजी पैथोलॉजी और निजी अस्पतालों द्वारा छत्तीसगढ़ की भोली भाली जनता को लूटा जाता है और ये सब अधिकारियों की शह पर होता है क्योंकि उन्हें इसके बदले मोटी रकम दलाली के रूप में दी जाती है। लेकिन विडंबना यह है कि टेस्ट के लिए अधिक रकम चुकाने के बाद भी संजीव अग्रवाल के परिवार के तीन व्यक्तियों में से एक व्यक्ति की रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है और बार बार पूछे जाने पर केवल बहाना बनाया जा रहा है।
संजीव अग्रवाल बताया कि आज फोन पर कड़े शब्दों में जब ऑक्सफोर्ड डायग्नॉस्टिक्स से लंबित रिपोर्ट के लिए बहसबाजी की गई तो उन्होंने यूपीआई के जरिए एक रिपोर्ट के पैसे वापस भेज दिए और स्वयं ही सबूत दे दिया। ये तो एक प्रकरण है जोकि जागरूक होने के कारण सामने आ गया लेकिन प्रदेश में ऐसे सैकड़ों लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं और अधिकारियों की शह पर छत्तीसगढ़ में कालाबाजारी और निजी अस्पतालों की खुलेआम लूट जोरों पर है। संजीव अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को ऐसे प्रकरणों पर ध्यान देते हुए उचित कार्रवाई करनी चाहिए और उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी खत्म होने के बाद वे ऑक्सफोर्ड डायग्नॉस्टिक्स के खिलाफ न्यायालय की शरण में जाएंगे।
