भिलाई / जरूरी नही है कि रिश्ते सिर्फ खून के ही हो। कुछ रिश्ते ऐसे भी होते है। जो खून के रिश्तों से भी बढकर होते है। ऐसी ही रिश्तों की एक मिसाल भिलाई के लोगों ने दी है। जिन्होने एक ऐसी बेटी का मिलकर विवाह सम्पन्न कराया। जिसके सर से मां बाप का साया हट गया था। इस बेटी का विधिवत विवाह रचाकर न सिर्फ उन्होंने पडोसी धर्म निभाया बल्कि माता पिता भी बनकर कन्यादान किया।
भिलाई सुपेला के कांट्रेक्टर काॅॅलोनी में होे रहा यह विवाह अपने आप में बेहद खास था। इस विवाह में पूरा मोहल्ला का मोहल्ला घराती बनकर बारातियों की सेवा कर रहा था। ऐसा होना भी लाजमी था क्योंकि उनकी बेटी का जो ये ब्याह रचाया जा रहा था। दरअसल जिस बेटी मनीषा का विवाह हो रहा था उसके पिता का साया 2 वर्ष पहले ही उठ चुका था। मां बची थी तो उन्हें करीब 2 महिने पहले कोरोना ने छीन लिया। लेकिन खून के रिश्तों से उपर उठकर मोहल्लेवासी ही मनीषा के परिजन बने और उसका विधिवत विवाह सम्पन्न कराने का बीडा उठाया।
कहते है जरूरी नही कि रिश्ते सिर्फ खून के ही हों।उन रिश्तों से भी उपर होता है मानवता का रिश्ता। जिसे भिलाई के इन लोगों ने साबित कर दिखाया हैे। इस विवाह में मोहल्लेवासीयों ने अपनी बेटी की हर रस्म अदा की और अपना फर्ज निभाया। विवाह के बाद गृहस्थी बसाने के लिए मोहल्लेवासियों ने ही आवश्यक सामान की व्यवस्था की।
मनीषा आज अपना घर अनिल के साथ बसाने जा रही है। यह सौभाग्य उन पडोसियों से उसे प्राप्त हुआ। जिन्होनेे माता पिता बनकर हर दुख में उसके साथ खडे रहेे ।और अब उसका विवाह करवा रहेे है। मनीषा ने उन सभी पडोसियों को तहे दिल से धन्यवाद दिया।
यह विवाह समारोह समाज के लोगों के लिए एक बडा संदेश है। कि वे रिश्तों की कद्र करें और रिश्तों को निभाते हुए एक दूसरे का सहारा बनें।