अम्बिकापुर में इन दिनों अपराधियों के हौसले बुलंद है। पुलिस की लचर व्यवस्था से मीडिया कर्मी भी अपने आप को असुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। इसी कड़ी में ताजा मामला सामने आया है जहां एक टीवी पत्रकार पर हिस्ट्रीशीटर की उपस्थिति में उसके गुर्गों ने हमला किया है। जानकारी के मुताबिक एक निजी चैनल के पत्रकार सुशील बाखला को खबर बनाने के नाम पर आरोपी द्वारा बुलाया गया। इसके बाद पत्रकार सुशील बखला और शिव शंकर साहनी जब आरोपी के कहने पर मौके पर पहुंचे तो इस दौरान मौके पर मौजूद हिस्ट्रीशीटर सहित उसके अन्य साथियों ने मीडिया कर्मी सुशील बाखला और शिव शंकर साहनी पर जानलेवा हमला कर दिया। हालांकि सुशील बखला जैसे तैसे अपनी जान बचाकर मौके से भाग निकले। लेकिन शिव शंकर साहनी की आरोपियों ने बेदम पिटाई कर दी। इसके बाद पत्रकार सुशील बाखला ने मामले की शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज कराई। लेकिन घटना के 24 घंटे बीतने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नही हो सकी। लेकिन जब मीडियाकर्मियों ने पुलिस पर दबाव तब कोतवाली पुलिस ने हिम्मत जुटा कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया । जबकि घटना में शामिल अन्य आरोपी अभी भी फरार है। लेकिन 24 घंटे बाद हुई इस कार्रवाई के बाद भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहा है। एक बार फिर राजनैतिक संरक्षण प्राप्त गुंडों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के बजाय कोतवाली पुलिस मामूली धाराओं के तहत कार्यवाही करने में जुटी हुई है। इसके पीछे की बड़ी वजह पत्रकार सुशील बाखला ने रेत माफियाओं के खिलाफ मुहिम छेड़ दिया था और लगातार खबर बना रहे थे। इस बात से नाराज प्रदेश के एक मंत्री के कहने पर आरोपियों ने पत्रकार पर जानलेवा हमला कर दिया। यह एक बड़ी वजह है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने कोतवाली पुलिस के हाथ भी कांप रहे है। यही नही मीडिया कर्मियों के प्रति जिले के पुलिस अधीक्षक का सुस्त रवैया भी सवालों के घेरे में है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने मीडियाकर्मी पर हुए हमले को शर्मनाक बताते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया है।
सरगुजा में मीडिया कर्मी असुरक्षित, हुआ हमला, मामले की शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज
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