154 केंद्रों में 84,879 किवंटल धान की कमी अभी सामने आ गई है।
रायपुर / भाजपा विधायकों बृजमोहन अग्रवाल प्रदेश में सहकारी समितियों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का मामला उठाया उन्होंने शासन से प्रश्न किया की प्रदेश में कितने सहकारी समिति में धान खरीदी की जा रही है। 2020-21 में किस किस समिति में कितना की प्रधान सूखत घोषित किया गया था बताएं । क्या समितियों की जांच की गई है कि- किन समितियों में धान कम पाए गए हैं। धान की कमी पाए जाने पर कितने समितियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। कमी के क्या कारण है।
आदिम जाति विकास, सहकारिता मंत्री ने बताया कि 2020-21 में प्रदेश में 2009 समितियों द्वारा धान खरीदी का कार्य किया गया है अभी तक 290 उपार्जन केंद्रों का लेखा मिलान पूर्ण हो चुका है जिसमें 154 उपार्जन केंद्रों में 84,879 क्विंटल धान की कमी पाई गई है, बाकी समितियों का मिलान नहीं हो पाया है मिलान होने पर कमी की मात्रा ज्ञात हो पाएगी उपार्जन केंद्रों में धान के कमी होने का प्रमुख कारण असामयिक वर्षा, निराकरण में विलंब, अत्यधिक गर्मी होना है।
