कोरिया / देश को दहला कर रख देने वाले निर्भया मामले के बाद लोगों के जीवन में कई अहम बदलाव देखने को मिले थे। कानून बदले तो लोगों की आदतें भी बदल गईं। सुप्रीम कोर्ट ने कई बातों पर स्वतः संज्ञान लेकर ट्रैफिक नियमों में परिवर्तन कर दिया वाहनों के शीशों पर दिखाई देने वाली काली फिल्में उतर गईं लेकिन वाहनों के शीशों पर काली फिल्म लगाए रखने का प्रचलन उच्चतम न्यायालय के सख्त आदेशों के बावजूद जारी है। न्यायालय ने पहले भी यह सख्त आदेश जारी किया था कि वाहनों के शीशों पर काली फिल्में न लगाई जाएंगी। इसके लिए पुलिस प्रशासन को गाड़ियों के न केवल चालान काटने, बल्कि मौके पर ही गाड़ी के शीशों पर लगी काली फिल्म को उतारने के आदेश दिए थे। कुछ समय तक इन आदेशों का पालन भी हुआ, लेकिन कुछ ही दिनों में मुहिम ठंडी पड़ गई।
यह हम नहीं बल्कि एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र में लगे जीएम ऑफिस, सब एरिया ऑफिस चरचा आर.ओ , में लगे वाहन शहरों में बेखौफ दौड़ रहीं काली फिल्म लगी गाड़ियां बता रही है। परिवहन विभाग द्वारा समय-समय अभियान भी चलाया जाता है। इसमें चार पहिया वाहनों के शीशे पर काली फिल्म होने पर चालन कर फिल्म हटवाई जाती है। लेकिन एसईसीएल बैकुंठपुर एरिया में ऐसे निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसका नजारा एसईसीएल बैकुंठपुर की अधिकांश लगी वाहनों को सड़कों पर देखने को मिल रहा है। जहां पर थोड़े ही समय में काली फिल्म के कई वाहन आवाजाही करते नजर आ रहे हैं। एसईसीएल के अधिकारियों ने गाड़ियों के शीशे पर काली फिल्म लगाकर चलने का शौक सा बना लिया है। पुलिस महकमा भी इसे लेकर मौन साधे हुए हैं।