दिल्ली / ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 29 बहुमूल्य मूर्तियां लौटाई हैं। इनमें शिव और उनके शिष्य, शक्ति की पूजा, भगवान विष्णु और उनके रूप, जैन परंपरा, चित्र और सजावटी मूर्तियां शामिल हैं। ये पुरावशेष 9वीं-10वीं शताब्दी के बताए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साेमवार को खुद इन मूर्तियों का निरीक्षण किया।
ये मूर्तियां बलुआ पत्थर, संगमरमर, कांस्य, पीतल, कागज से बनी हैं। इनमें कुछ पेंटिंग्स भी शामिल है। भारत में बड़े हिस्से को कवर करते हुए ये प्राचीन वस्तुएं राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल से हैं। ऑस्ट्रेलिया से लौटे इन पुरावशेषों का PM मोदी ने निरीक्षण किया।
पिछले महीने मन की बात कार्यक्रम में PM मोदी ने बताया था कि उनके सत्ता में आने के बाद सात साल में 200 से ज्यादा बहुमूल्य प्रतिमाओं को भारत लाया गया। मूर्तियों को वापस लाना हमारा दायित्व है। फरवरी में भारत इटली से अपनी एक बहुमूल्य लीगेसी को लाने में सफल रहा। ये धरोहर अवलोकितेश्वर पद्मपाणि की हजारों साल पुरानी मूर्तियां हैं।
ऐसे ही कुछ वर्ष पहले तमिलनाडु के वेल्लूर से भगवान आंजनेय्यर, हनुमान जी की प्रतिमा चोरी हो गई थी। हनुमान जी की ये मूर्ति भी 600-700 साल पुरानी थी। फरवरी में ही ऑस्ट्रेलिया से वे मूर्तियाँ हमें मिली थीं।
PM मोदी ने ‘मन की बात ‘ में कहा था कि हजारों वर्षों के हमारे इतिहास में, देश के कोने-कोने में एक-से-बढ़कर एक मूर्तियां हमेशा बनती रहीं। ये भारत की मूर्तिकला का नायाब उदहारण तो थीं हीं, इनसे हमारी आस्था भी जुड़ी हुई थी। अतीत में बहुत सारी मूर्तियां चोरी होकर भारत से बाहर जाती रहीं। कभी इस देश में, तो कभी उस देश में ये मूर्तियां बेचीं जाती रहीं और पिछली सरकारों के लिए वो तो सिर्फ कलाकृति थीं। न उनको उसके इतिहास से लेना देना था, न श्रद्धा से लेना देना था। इस दायित्व को समझते हुए भारत ने अपने प्रयास बढ़ाए और इसका कारण ये भी हुआ कि चोरी करने की जो प्रवृति थी, उसमें भी एक भय पैदा हुआ। इन मूर्तियों को वापस लाना, भारत माँ के प्रति हमारा दायित्व है। इन मूर्तियों में भारत की आत्मा का, आस्था का अंश है।
PM मोदी के साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन में ऑस्ट्रेलियाई PM स्कॉट मॉरिसन शामिल हुए। वर्चुअल समिट में दोनों ने अपने रिश्ते को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया । PM मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमारे संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारतीय पुरावशेषों को वापस करने की पहल के लिए PM मोदी ने सभी भारतवासियों की ओर से ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।