- पूरे देश में हो रही है ऑपरेशन शीशमहल की चर्चा
नई दिल्ली / मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शीशमहल उनके गले की फांस बन गया है। इसे लेकर दिल्ली की सियासत में भूचाल आ गया है। केजरीवाल बिल्कुल चुप हैं। ऑपरेशन शीशमहल के तहत हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। यह ऑपरेशन हमारे सहयोगी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत ने किया है। इसमें बताया जा चुका है कि कैसे रेनोवेशन के नाम पर केजरीवाल के घर में पानी की तरह पैसा बहाया गया। रेनोवेशन का यह काम 45 करोड़ रुपये में हुआ। इस शीशमहल में 4-4 लाख रुपये की टॉयलेट सीट लगाई गईं। कई करोड़ के मार्बल लगाए गए। अब इसी कड़ी में एक और खुलासा हुआ है। वह यह है कि सीएम आवास को बड़ा बनाने के लिए आसपास के 8 घरों को खाली कराया गया। सीएम आवास कॉम्प्लेक्स को 4.7 एकड़ से बढ़ाकर 7.2 एकड़ किया गया।
ऑपरेशन शीशमहल के बाद लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं। इसकी वजह मकान के रेनोवेशन पर खर्च की गई 45 करोड़ रुपये की रकम है। ऑपरेशन शीशमहल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सीएम केजरीवाल के घर में 8-8 लाख रुपये के पर्दे लगाए गए। इस आवास में 4-4 लाख रुपये की टॉयलेट सीट हैं। 3-3 करोड़ रुपये के मार्बल लगे हैं। रेनोवेशन के लिए यह रकम कोरोना काल में खर्च की गई थी।
केजरीवाल के बंगले से जुड़े सरकारी डॉक्यूमेंट्स की पड़ताल करने पर यह भी पता चला है कि एक्स्ट्रा कॉस्ट के नाम पर करोड़ों का पेमेंट बिल में जोड़ा गया। ऑपरेशन शीशमहल के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रतिक्रिया भी आई। पार्टी ने कहा कि सीएम हाउस का स्ट्रक्चर रहने लायक नहीं था। पानी गिर रहा था। एक वीडियो भी जारी किया। यह शीशमहल जैसा कंस्ट्रक्शन बनने से पहले का है। इसमें दिख रहा है कि घर में सीलन है। हालांकि, इस सवाल का जवाब नहीं है कि सीलन थी तो उसे हटाने के लिए 8 करोड़ के पर्दे और वियतनाम के मार्बल की क्या जरूरत थी।
आम आदमी पार्टी (AAP) ईमानदारी और सादगी का दम भरती रही है। कभी केजरीवाल खुद यह कहते थे कि उन्हें 4-5 कमरों से ज्यादा के मकान की जरूरत नहीं है। आज शीशमहल को लेकर उनकी बोलती बंद है। दो फ्लोर वाले ‘शीशमहल’ में 7 कमरे हैं। दो किचन, एक जिम, आलीशान ड्रॉइंग रूम भी है। ये सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।