रायपुर/नई दिल्ली ( होस ) छत्तीसगढ़ की राजनीति में “भीष्म पितामह” कहे जाने वाले बृजमोहन अग्रवाल को मोदी सरकार में केंद्रीय कोयला मंत्री बना दिया गया है। यह खबर मिलते ही उनके घर, मोहल्ले और विधानसभा क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग इतने उत्साहित हो गए कि गैस चूल्हा छोड़कर फिर से कोयले वाला चूल्हा जलाने लगे हैं।

मोहल्ले के शर्मा जी ने घोषणा कर दी, “अब से हमारे घर में खाना सिर्फ कोयले पर बनेगा, आखिर अपने मोहल्ले के नेता जी का मंत्रालय है!” वहीं, मिश्रा जी अपनी छत पर कोयला सुखाने लगे, ताकि मोहल्ले वालों को लगे कि “हमने पहले ही अंदाजा लगा लिया था कि बृजमोहन जी कोयला मंत्री बनेंगे!”
कोयला मंत्री बनते ही बृजमोहन का पहला बयान
मंत्री पद की शपथ लेते ही बृजमोहन अग्रवाल ने कहा –
“अब तो काला सोना अपना है!”
इस बयान के बाद उनके समर्थकों ने रायपुर के कई इलाकों में कोयले की मालाएं पहनकर जश्न मनाया।
एक समर्थक ने तो कोयले से बनी एक प्रतिमा भी बना दी और कहा, “ये कोयला अब हमारे लिए सिर्फ ईंधन नहीं, सम्मान की बात है!”
कोयला कारोबारियों में हड़कंप!
जैसे ही खबर फैली कि बृजमोहन अग्रवाल कोयला मंत्री बने हैं, छत्तीसगढ़ के कोयला कारोबारियों ने अपने गोदामों पर बड़े-बड़े ताले लगा दिए। कोयला चोरी करने वालों की टीम में भी अफरा-तफरी मच गई। एक कोयला व्यापारी ने बताया, “अब तो कोयला भी VIP बन गया, इसकी सुरक्षा के लिए भी सिक्योरिटी गार्ड रखने पड़ेंगे!”
पहली मीटिंग में बड़ा फैसला: “कोयले को काला मत कहो!”
मंत्रालय की पहली बैठक में बृजमोहन जी ने सबसे पहले कहा,
“कोयला काला नहीं, बल्कि हमारे देश की ऊर्जा का आधार है। इसे ‘भारतीय काला सोना’ कहा जाए!”
उन्होंने सुझाव दिया कि “कोयला मजदूरों की मांगों पर ध्यान दिया जाए, ताकि वे भी गर्व से कह सकें कि वे देश के असली ‘ब्लैक डायमंड’ हैं!”
मोहल्ले में जश्न का माहौल, बच्चे तकने लगे खदान की ओर
मोहल्ले के बच्चों में भी जबरदस्त उत्साह है। एक 10 साल के बच्चे सोनू ने अपने पापा से कहा,
“पापा, अब हमें टाटा या रिलायंस में नहीं, कोयला खदान में नौकरी करनी चाहिए। हमारे मंत्री जी अपने ही मोहल्ले के हैं, सिफारिश भी आसानी से लग जाएगी!”
गुप्ता जी, जो अब तक अपने बेटे को इंजीनियर बनाने की सोच रहे थे, उन्होंने तुरंत अपने बच्चे को समझाया,
“बेटा, इंजीनियर बनकर क्या करेगा? अब तो कोयले में ही भविष्य है!”
लोगों ने गैस सिलेंडर से किया किनारा, चूल्हे की बिक्री बढ़ी
जैसे ही मोहल्ले में यह खबर फैली कि अब कोयला मंत्रालय अपने इलाके के नेता के पास है, लोगों ने गैस सिलेंडर से मुंह मोड़ लिया और कोयले की मांग बढ़ गई।
एक चायवाले ने गर्व से कहा,
“अब तो मेरी दुकान का नाम ‘बृजमोहन कोयला टी स्टॉल’ होगा!”
वहीं, पड़ोस के गोयल जी ने तुरंत अपने गैस सिलेंडर को घर से बाहर निकाल दिया और चूल्हे पर रोटी सेंकने लगे। उन्होंने कहा,
“आज से सिर्फ कोयले की रोटी खाएंगे, तभी तो मंत्री जी को लगेगा कि हम उनके साथ हैं!”
उनके एक रिश्तेदार, जो अब तक कोयले को सिर्फ गंदगी मानते थे, उन्होंने भी बयान दिया,
“हमने हमेशा कोयले की कद्र की है, बचपन में इसकी आड़ में छुपन-छुपाई खेला करते थे!”
बृजमोहन अग्रवाल का कोयला मंत्री बनना पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। अब हर छत्तीसगढ़िया गर्व से कह सकता है, “कोयला अपना, नेता अपना और अब चमक भी अपनी!”