नई दिल्ली: अगर आप यूरिक एसिड और गठिया की समस्या से परेशान हैं तो आपके लिए कच्चे पपीते का जूस किसी औषधि से कम नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, कच्चे पपीते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, फोलेट और विटामिन ई शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
कैसे करें सेवन?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर रोज़ाना 100ml ताजा कच्चे पपीते का जूस बिना पानी मिलाए पीया जाए, तो यूरिक एसिड को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। खासतौर पर सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से यह जल्दी असर करता है। स्वाद के लिए इसमें नींबू या शहद भी मिलाया जा सकता है।
लिवर और पाचन के लिए भी फायदेमंद
आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, कच्चा पपीता लिवर के लिए भी बेहद लाभकारी होता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर लिवर को साफ करता है। पपीते में पाए जाने वाले प्राकृतिक एंजाइम पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और कब्ज की समस्या को दूर करते हैं।
कैंसर से बचाव और इम्यूनिटी बूस्टर
शोध बताते हैं कि कच्चे पपीते में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट तत्व आंतों और प्रोस्टेट कैंसर से बचाव में मददगार होते हैं। इसके अलावा, यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है।
त्वचा और बालों के लिए वरदान
कच्चे पपीते में मौजूद ‘पैपिन’ नामक एंजाइम अनचाहे बालों की वृद्धि को रोकने में सहायक होता है। इसके अलावा, यह हार्मोन संतुलन में सुधार करता है और मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करने में भी मदद करता है।
क्या रखें सावधानियां?
विशेषज्ञ गर्भवती महिलाओं को कच्चे पपीते का सेवन न करने की सलाह देते हैं, क्योंकि इसमें मौजूद तत्व गर्भाशय संकुचन को बढ़ा सकते हैं। साथ ही, यदि किसी को इससे एलर्जी हो तो सावधानीपूर्वक इसका उपयोग करना चाहिए।