हिमाचल प्रदेश की सुरम्य वादियों में बसा चूड़धार ट्रैक अपने अनूठे प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक आस्था और रोमांचक अनुभव के लिए मशहूर है। शिमला जिले के सिरमौर क्षेत्र में स्थित यह शिखर समुद्र तल से 3,647 मीटर (11,965 फीट) की ऊंचाई पर है। स्थानीय लोगों के बीच यह स्थान ‘चूड़ चांदनी’ के नाम से प्रसिद्ध है और भगवान शिव को समर्पित चूड़धार मंदिर यहां की धार्मिक आस्था का केंद्र है।
पवित्रता और प्रकृति का मिलन
चूड़धार ट्रैक न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों और एडवेंचर के शौकीनों के लिए भी स्वर्ग से कम नहीं। ऊंचे-ऊंचे देवदार के जंगल, दुर्लभ वन्यजीव, शांत वातावरण और पहाड़ों से घिरे रास्ते आपकी यात्रा को एक यादगार अनुभव में बदल देते हैं।
कहां से शुरू करें ट्रैकिंग?
चूड़धार ट्रैक के लिए कई बेस कैंप उपलब्ध हैं, जिनमें मुख्य हैं:
- नौराधार: सबसे लोकप्रिय और सुगम बेस कैंप
- चौपाल: घने जंगलों से होते हुए कठिन लेकिन सुंदर रास्ता
- सराहन: प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर एक और विकल्प
ट्रैक की विशेषताएं:
- कुल दूरी: एक तरफ लगभग 15-18 किमी
- समय: बेस कैंप से चोटी तक पहुंचने में 7-9 घंटे
- सर्वश्रेष्ठ समय:
- गर्मियां: मई से जून (सुखद मौसम)
- सर्दियों के बाद: सितंबर से नवंबर (स्पष्ट और साफ नज़ारे)
360 डिग्री मनोरम दृश्य
चोटी पर पहुंचने के बाद जो दृश्य आपकी आंखों के सामने होता है, वह अविस्मरणीय है। बर्फ से ढकी चोटियां, हरी-भरी घाटियां, बहती नदियां और नीला आसमान एक साथ देखने का आनंद अनूठा अनुभव देता है। यहां से आप ब्यास नदी, शिवालिक रेंज और हिमालय की ऊंची चोटियों का विहंगम दृश्य देख सकते हैं।

चूड़धार मंदिर: शिवभक्तों का पवित्र धाम
चूड़धार की चोटी पर स्थित चूड़धार मंदिर का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। माना जाता है कि महाभारत के काल में पांडवों ने यहां आकर भगवान शिव की आराधना की थी। हर साल हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।
वन्यजीव प्रेमियों के लिए जन्नत
यह क्षेत्र अपने समृद्ध वन्यजीवन के लिए भी जाना जाता है। यहां आपको हिमाचल का राज्य पक्षी मोनाल, हिरण, घुरल और कभी-कभी भालू भी देखने को मिल सकते हैं। ट्रैकिंग के दौरान इनका दीदार आपकी यात्रा को और खास बना सकता है।
कैसे पहुंचे चूड़धार?
- निकटतम रेलवे स्टेशन:
- कालका रेलवे स्टेशन (यहां से शिमला तक टॉय ट्रेन का आनंद लिया जा सकता है)
- निकटतम हवाई अड्डा:
- जुब्बरहट्टी एयरपोर्ट, शिमला
- सड़क मार्ग:
- शिमला से नौराधार की दूरी लगभग 2.5 घंटे में पूरी की जा सकती है।
- देहरादून से 220 किमी, चंडीगढ़ से 158 किमी और शिमला से चौपाल होते हुए 95 किमी की दूरी पर है।
- नौराधार, हरिपुरधार, कुपवी, चौपाल, नेरवा और पुलबहाल तक वाहन से पहुंचकर आगे पैदल यात्रा की जा सकती है।
सावधानियां जो यात्रा को बनाएंगी सुरक्षित:
- ट्रैकिंग के दौरान ऊंचाई की बीमारी से बचने के लिए पानी का अधिक सेवन करें।
- आरामदायक जूते, गर्म कपड़े, रेनकोट और प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें।
- यात्रा से पहले मौसम का पूर्वानुमान अवश्य जांचें।
- समूह में ट्रैक करें और रास्ते से भटकने से बचें।
चूड़धार ट्रैक सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि प्रकृति की सुंदरता, शिव की आस्था और रोमांच का एक मिश्रण है। चाहे आप धार्मिक आस्था के साथ जा रहे हों या प्रकृति के बीच रोमांच की तलाश में, यह जगह आपके जीवन में एक अविस्मरणीय छाप छोड़ने वाली है। हिमाचल की यह खूबसूरती एक बार जरूर देखने लायक है।