नई दिल्ली।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर अनिश्चितता का दौर एक बार फिर गहरा गया है। अब खबर आ रही है कि यह चुनाव जून के अंतिम सप्ताह तक के लिए टाल दिया गया है। पार्टी के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, पहलगाम की हालिया परिस्थितियों के चलते यह फैसला अनौपचारिक रूप से लिया गया है।
गौरतलब है कि भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है। नड्डा को पहले लोकसभा चुनाव 2024 तक कार्यकाल विस्तार दिया गया था। बाद में इसे दिल्ली विधानसभा चुनावों तक, यानी फरवरी 2025 तक बढ़ा दिया गया था। अब जबकि दिल्ली चुनाव भी कुछ दूरी पर हैं, पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई थी।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ मिलकर नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। भाजपा की ओर से कुछ संभावित नाम आरएसएस को सुझाए गए थे, लेकिन इन नामों पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी। ऐसे में नए अध्यक्ष की घोषणा फिलहाल टाल दी गई है। संभावना जताई जा रही है कि जून के अंतिम सप्ताह में इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
राजनीतिक गणना में हो रहा है संतुलन
पार्टी के भीतर और बाहर इसे भाजपा की राजनीतिक गणना से जोड़कर देखा जा रहा है। 2024 लोकसभा चुनावों में भारी बहुमत से वापसी के बाद अब भाजपा विभिन्न राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और 2029 के दीर्घकालीन लक्ष्य को ध्यान में रखकर संगठनात्मक परिवर्तन करने की रणनीति पर काम कर रही है।
नया अध्यक्ष: कौन होंगे संभावित दावेदार?
भाजपा के भीतर कई वरिष्ठ नेताओं के नाम चर्चा में हैं। इनमें कुछ केंद्रीय मंत्रियों और संगठन के अनुभवी पदाधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। हालांकि शीर्ष नेतृत्व नए अध्यक्ष के चयन में क्षेत्रीय संतुलन, सामाजिक समीकरण और भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखकर फैसला लेना चाहता है। यही वजह है कि इस प्रक्रिया में अपेक्षा से अधिक समय लग रहा है।
जेपी नड्डा का अब तक का कार्यकाल
जेपी नड्डा ने जनवरी 2020 में अमित शाह के बाद पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला था। उनके नेतृत्व में भाजपा ने कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण दौर में संगठन को मजबूत बनाए रखा और कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में सफलता अर्जित की। 2024 के आम चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को भी उनके नेतृत्व का सकारात्मक परिणाम माना जा रहा है।
भविष्य की दिशा तय करेगा फैसला
भाजपा के लिए नया राष्ट्रीय अध्यक्ष केवल संगठनात्मक बदलाव नहीं, बल्कि आगामी वर्षों की दिशा तय करने वाला निर्णय होगा। ऐसे में पार्टी इस फैसले को बेहद सोच-समझकर और रणनीतिक दृष्टि से लेना चाहती है।