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श्रीनगर में नवगाम पुलिस स्टेशन में भीषण विस्फोट, 9 की मौत, 32 घायल


9 की मौत, 32 घायल; जब्त विस्फोटक की सैम्पलिंग के दौरान हुआ हादसा, आतंकी साज़िश से इनकार


श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के नवगाम पुलिस स्टेशन में गुरुवार देर रात उस समय बड़ा हादसा हो गया, जब पुलिस और फोरेंसिक टीम जब्त किए गए विस्फोटक की सैम्पलिंग कर रही थी। इसी दौरान हुए भीषण विस्फोट में कुल 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि लगभग 32 लोग घायल हो गए। धमाका इतना शक्तिशाली था कि पुलिस स्टेशन परिसर की दीवारें हिल गईं, आस-पास के मकानों के शीशे टूट गए और मलबा 100-200 मीटर दूर तक बिखर गया।


अमोनियम नाइट्रेट से हुआ विस्फोट
पुलिस के अनुसार सैम्पलिंग के लिए रखी गई विस्फोटक सामग्री में अमोनियम नाइट्रेट शामिल था, जिसे कुछ दिन पहले एक अभियान के दौरान जब्त किया गया था। इस सामग्री को “व्हाइट-कॉलर मॉड्यूल” से पकड़ा गया बताया जाता है। फोरेंसिक टीम विस्फोटक की स्थिरता और संरचना की जांच कर रही थी, तभी अचानक धमाका हो गया।


मारे गए लोग कौन थे?
हादसे में जान गंवाने वालों में—
3 FSL (फोरेंसिक साइंस लैब) के अधिकारी,
1 SIA (स्टेट इंवेस्टिगेशन एजेंसी) का अधिकारी,
2 राजस्व विभाग के कर्मचारी,
2 पुलिस क्राइम-फोटोग्राफर,
और एक दर्जी, जो सैम्पलिंग टीम के साथ तकनीकी कार्य में सहयोग कर रहा था।


धमाके में कई पुलिसकर्मी और नागरिक घायल हुए हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।


आतंकी साज़िश की आशंका खारिज
जम्मू-कश्मीर के DGP नालिन प्रभात ने स्पष्ट कहा कि यह धमाका पूरी तरह से दुर्घटनात्मक था और इस घटना में किसी भी तरह का आतंकी एंगल सामने नहीं आया है।


गृह मंत्रालय (MHA) ने भी प्रारंभिक जांच के आधार पर आतंकवाद की साज़िश की संभावना को पूरी तरह खारिज कर दिया है।


DGP ने अपील की कि “इस हादसे के बारे में बेवजह अफवाहें या कयास न लगाए जाएं। यह एक तकनीकी त्रुटि के कारण हुआ विस्फोट है।”


धमाका कैसे हुआ — कई गंभीर सवाल
विस्फोट ने सुरक्षा और विस्फोटक-सैम्पलिंग प्रक्रिया को लेकर कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं—
जब्त विस्फोटकों को पुलिस स्टेशन परिसर में ही सुरक्षित क्यों रखा गया?
क्या जांच टीम को विस्फोटक की अस्थिरता और जोखिमों के बारे में पर्याप्त चेतावनी दी गई थी?
क्या सुरक्षा प्रोटोकॉल और SOP पूरी तरह फॉलो किए गए थे?
इस पूरी घटना की जांच के लिए एक विशेष तकनीकी समिति गठित की गई है।


लोगों में दहशत, कई भवन क्षतिग्रस्त
धमाके की आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। पुलिस स्टेशन के निकट स्थित दुकानों और घरों के शीशे टूट गए।


स्थानीय लोग देर रात सड़कों पर निकल आए और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।


LG मनोज सिन्हा ने जताया शोक, मुआवजा व जांच के आदेश
जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायल कर्मचारियों से अस्पताल में मुलाकात की। उन्होंने कहा—
“यह बेहद दुखद घटना है। सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है। दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई होगी।”
LG ने मृतक कर्मचारियों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है।

श्रीनगर के नवगाम पुलिस स्टेशन का यह हादसा बीते कई वर्षों में सुरक्षा प्रतिष्ठानों के भीतर हुआ सबसे बड़ा तकनीकी विस्फोट है। जांच जारी है और शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह एक “मानवीय-तकनीकी गलती” से हुआ बड़ा हादसा है, न कि कोई आतंकी हमला।

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