00 14 अगस्त को ही मामला दर्ज कर जांच में ले लिया गया
00 धारा 409, 477 और 34 के तहत मामला दर्ज
कोरिया / आरटीआई में जानकारी नहीं देने और फाइल गुमाने वाले अधिकारी के खिलाफ कलेक्टर के आदेश पर एफआईआर हो गई है। मामले में सूचना के अधिकार पर आवेदन कलेक्टर कोरिया के तात्कालिक लोक सूचना अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर वर्ष 2013-14 में भूमि विक्रय अनुमति के संबंध में 14 प्रकरणों की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी थी, लेकिन लोक सूचना अधिकारी के द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता को जानकारी नहीं दी गई। बता दे यह कोरिया जिला का पहला मामला जहां सूचना के अधिकार पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण बड़े अधिकारी के खिलाफ एफ आई आर करने का आदेश दिए गए व एफआईआर दर्ज भी हुआ।
इस मामले में कलेक्टर के आदेश के बाद चरचा थाना में 14 अगस्त को ही मामला दर्ज कर जांच में ले लिया गया हैं। इससे बाद आरटीआई कार्यकर्ता आरके मिश्रा ने प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील प्रस्तुत किया। यहां प्रथम अपीलीय अधिकारी अपर कलेक्टर आर कुरुवंशी ने प्रकरण की सुनवाई किया जाना न्याय संगत न होने से प्रथम अपील कलेक्टर नरेंद्र दुग्गा को भेजा दिया। आरटीआई कार्यकर्ता के प्रथम अपील पर कलेक्टर कोरिया के द्वारा सुनवाई और जांच आरंभ की गई। तब कार्यालय कलेक्टर कोरिया के होलसाय सहायक ग्रेड 2 के द्वारा अपने शपथ-पत्र में बताया गया कि न्यायालय अपर कलेक्टर के राजस्व प्रकरण क्र. 83/अ-21/2013-14 रामाधार प्रति मोहेलाल ग्राम छींधिया का मूल प्रकरण राजस्व अभिलेखागार में 30 जून 2016 को जमा किया गया है। न्यायालय अपर कलेक्टर बैकुंठपुर में इनके पदस्थापना के बाद अपर कलेक्टर के कुल 13 प्रकरण तात्कालिक वाचक द्वारा उन्हें प्रभार में नहीं दिया गया और न ही प्रकरण के संबंध में जानकारी दी गई। ज्ञान प्रसाद सिंह ने अपने शपथ में न्यायालय अपर कलेक्टर में उनके पद स्थापना के बाद अपर कलेक्टर के राजस्व के कुल 13 प्रकरण राजस्व अभिलेखागार में जमा होना नहीं बताया। इसी प्रकार सहायक ग्रेड दो एमआर यादव ने तात्कालिक वाचक द्वारा सभी 13 प्रकरणों के संबंध में अवगत कराया गया कि तत्कालीन अपर कलेक्टर द्वारा परीक्षण के लिए मांगने पर उक्त सभी प्रकरणों को उन्हें दिया गया था। वर्ष 2015-16 में भूमि विक्रय से संबंधित राजस्व प्रकरणों की मांग तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ द्वारा की गई थी उपरोक्त निर्देश के अनुक्रम में भूमि विक्रय के सभी प्रकरणों को जिला पंचायत सीईओ की ओर से प्रेषित किए जाने वाले तत्कालीन अपर कलेक्टर ने प्रकरण देखने और परीक्षण करने अपने पास रख लिया था। उक्त प्रकरण को वापस करने कई बार अधिकारी से कहा गया लेकिन प्रकरण वापस नहीं किया गया।
चरचा थाना प्रभारी सुनील सिंह ने बताया कि फाइल गुमाने और समय पर आरटीआई के तहत जानकारी नहीं देने के कारण कलेक्टर के आदेश पर तत्कालीन अपर कलेक्टर ए लकड़ा और सहायक ग्रेड-2 एमआर यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 477 और 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच में ले लिया गया हैं। उन्होंने बताया कि मामला 14 अगस्त को दर्ज किया गया हैं।
