Tuesday, July 15, 2025
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नरवा, गरूवा, धुरवा, बाड़ी का सपना राजनांदगांव में होगा साकार – तनुजा सलाम

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राजनादगांव / छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया भूपेश बधेल की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, धुरवा, बाड़ी का सपना राजनांदगांव जनपद के ग्राम मोखला में साकार होता दिख रहा है जिसमे गौ सेवा के साथ साथ ग्रामीणों की आय का श्रोत भी होगा ।

बहुउपयोगी साबित होता मोखला का आदर्श गौठान जहा गांव की तस्वीर बदलते नजर आ रही है। गाँव के समग्र विकास एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृड़ बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई छत्तीसगढ़ अत्यंत महत्वाकांक्षी नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना राज्य के गांवों की तकदीर एवं तस्वीर बदलने वाली योजना साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम मोखला में निर्माणाधीन आदर्श गौठान बहुउपयोगी साबित होता दिखाई दे रहा है। जिले की प्रमुख एवं राज्य की जीवनदायिनी शिवनाथ के किनारे लगभग 20 एकड़ की भूमि पर बनाए जा रहे इस गौठान एवं चारागाह का स्वरूप यहां की प्राकृतिक एवं भौगोलिक स्वरूप भी अत्यंत अनुकुल होने के कारण मनोरम दिखाई देता है।

ग्राम मोखला शिवनाथ नदी के किनारे स्थित होने एवं सामुचित मात्रा में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने के कारण इस गांव में बारहमासी खेती की जाती है। ग्राम मोखला में खेती किसानी के अलावा पशु पालन भी अत्यंत समृद्ध है। जिसके कारण फसलों को अपने गांव के अलावा अन्य अवारा पशुओं से रक्षा करना काफी चुनौतिपूर्ण कार्य होता था लेकिन वर्तमान में ग्राम मोखला में आदर्श गौठान के निर्माण होने से पशुओं को इस गौठान में सुरक्षित रखने से गर्मी के मौसम में खेती-किसानी करने में काफी सुहुलियत हो रही है। इस वर्ष ग्राीष्म काल में मोखला के किसानों के रबी फसलों को पशुओं के द्वारा किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाई गई है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार की इस विशेष प्राथमिकता वाले इस योजना के फलस्वरूप ग्राम मोखला में गौठान के निर्माण करने से समग्र ग्राम की तस्वीर बदलने लगी है। इस योजना के फलस्वरूप ग्राम में एक आदर्श गौठान के निर्माण के साथ-साथ पशुओं के लिए समुचित मात्रा में चारा उपलब्ध होने से पशुओं का ग्राम में अनावश्यक विचरण दिखाई नहीं दे रहा है। इसके अलावा इस गौठान में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत स्व सहायता समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट निर्माण करने की विधि सिखने के अलावा सीमेंट पोल, फैंसिग तार एवं डिजायनर चुड़ी बनाने जैसे स्वरोजगार मूलक कार्य भी समूह की महिलाओं द्वारा किया  गया है  इस तरह यह योजना ग्रामीणों के लिए अनेक दृष्टि से काफी लाभप्रद होने से इस कार्य में ग्रामीणों के दिल से जुडऩे के कारण ग्राम मोखला की पूरी तस्वीर बदलने लगी है। इसी तरह जिले के सभी विकासखंडों के विभिन्न ग्राम पंचायतों में कुल 117 गौठान बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही ग्राम मोखला के गौठान के तर्ज पर जिले के प्रत्येक विकासखंडों में एक-एक मॉडल गौठान का निर्माण भी किया जा रहा है। जिले के सभी गौठानों में मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है। साथ ही इन गौठानों में पशुओं का आना भी प्रारंभ हो गया है।

ग्राम मोखला के कुल 20 एकड़ जमीन में से 7 एकड़ जमीन में गौठान निर्माण एवं शेष 13 एकड़ जमीन को चारागाह के रूप में विकसित किया जा रहा है। गौठान निर्माण के प्रारंभिक दिनों में भी प्रतिदिन गांव के कुल 690 पशुओं में से अधिकांश पशु गौठान में आ रहे हैं। जिसके कारण इस स्थान का पूरा परिदृश्य ही बदल गया है। अब यह स्थान सुविधायुक्त गोकुलधाम के रूप में परिवर्तित हो गया है। जो एक पिकनिक स्पॉट की तरह  दिखाई देता है इस गौठान में कुल 4 कोटना  का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। इसी तरह सभी 7 पानी टंकी, 3  चबूतरा जो  कि  हर  मौसम  के अनुरूप है जिसमे  पशुधन  को  सुविधाजनक हो का भी ध्यान रखा गया है   एवं पैरा हेतु 7 मचान का निर्माण का कार्य पूरा हो गया है। इसके अलावा वर्मी शेड निर्माण किया गया है  गौठान में पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था हेतु गौठान में 5 एचपी का सोलर पैनल लगाया गया है। जिसके माध्यम से समुचित मात्रा में पशुओं के लिए पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा चारागाह के लिए अलग से सोलर पैनल लगाया जायेगा। सभी निर्माण कार्य लगभग पूर्णता की ओर है।

ग्राम मोखला के चारागाह में नेपीयर घांस, मक्का आदि फसल चक्र के अनुसार लगाया जायेगा। इस गौठान में पुशओं के ईलाज के लिए पशु चिकित्सा विभाग के द्वारा एक पशु चिकित्सक की तैनातगी की गई। जो पूरे समय गौठान में उपस्थित रहकर पशुओं की देखभाल करेगें।और  एक  एक  पशुओं  को  टेग किया गया  जिससे  उसकी पहचान  कर  स्वास्थ  का  परिक्षण  हो  सके।    गौठान से गौमूत्र एकत्र करने का कार्य भी किया जायेगा।

ड्यूटी में तैनात पशु चिकित्सक ने बताया कि इस गौठान में माध्यम से एक ही स्थान पर रहकर गांव के सारे पशुओं समुचित ईलाज एवं नस्ल सुधार आदि कार्य  को सफलता पूर्वक किया जा रहा है। गौठान में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा इस गौठान के पशुओं का ईएआर टैंगिंग, एसएस वैक्सीन, बीक्यू वैक्सीन उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा भविष्य में कृत्रिम गर्भदान एवं पशुओं के उचित रखरखाव हेतु शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस गौठान के संचालन हेतु गौठान समिति का भी गठन किया गया है। इस गौठान समिति में कुल 25  सदस्य है। ग्राम पंचायत के सरपंच को गौठान समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा ग्राम पंचायत के सचिव, पंच, कोटवार एवं चरवाहा, कृषि मित्र आदि को गौठान समिति का सदस्य बनाया गया है। इस गौठान समिति के अलावा महिला समूह द्वारा भी आदर्श गौठान के निर्माण हेतु बहुमूल्य सहयोग दिया जा रहा है। ग्राम के महिला स्वसहायता समूह के सदस्यों ने पशुओं को गौठान तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ली है। ग्राम के महिला समूह के सदस्यों द्वारा ग्रामीणों की राज्य शासन की नरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के संबंध में जानकारी देने के अलावा ग्रामीणों, पशु सखी, कृषि मित्र आदि को गौठान से जोडऩे हेतु नियमित बैठक आयोजित करने का कार्य भी किया जा रहा है। इसके अलावा उनके द्वारा वर्मी, नाडेप, घुरवा, जैविक खाद के संबंध में लोगों को जानकारी देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही सखी समूह की महिलाओं द्वारा समय-समय पर बैठक लेकर आदर्श गौठान के संचालन हेतु ग्रामीणों को प्रेरित भी किया जा रहा है। इस गौठान में फलदार पौधों का रोपण भी किया जा रहा है। ग्रामीणों ने इस गौठान में अपनी सामुदायिक भागीदारी निभाते हुए 3  माह के लिए पैरा दान किया है। जिससे इस गौठान में पशुओं को दो माह तक समुचित मात्रा में पैरा मिल सकेगा।

ग्राम मोखला का यह गोठान पशुओं के संरक्षण एवं उचित देख-भाल के अलावा ग्रामीणों एवं समुह की महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने का माध्यम भी बनेगा। इस गोठान के माध्यम से गो मूत्र इक्कठा करने के अलावा कंपोस्ट खाद निर्माण, फ्लाईएश, पेवर ब्लॉक, तार जाली, सीमेंट पोल बनाने एवं डिजाईनर चुड़ी निर्माण जैसे अनेक उपयोगी एवं स्वरोजगार मूलक कार्य किए जाने की योजना है। यह कार्य वास्तव में ग्रामीणों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। गोठान शिवनाथ नदी के किनारे स्थित होने के कारण यहां का दृश्य भी काफी मनोरम है। जिसके कारण इस स्थान को पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित भी किया जा सकता है।

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