कोरिया / चिरमिरी निवासी कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा को कार्यालय कलेक्टर जिला-कोरिया छत्तीसगढ़ के द्वारा सूचना का अधिकार पर प्रदान की गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी का कोरिया जिला में टूर प्रोग्राम दिनांक-19.11.2016 को था.
इस टूर प्रोग्राम में न्यायमूर्ति बिलासपुर से रेलगाडी से बैकुंठपुर आये. बैकुंठपुर से मनेंद्रगढ़ गये, फिर वापस बैंकुंठपुर आकर इसी दिनांक को रेलगाड़ी से ही वापस लौट गये. न्यायमूर्ति के वापस लौटने के बाद एक सोल्ड इनोवा वाहन का बिल कार्यालय कलेक्टर सत्कार शाखा बैकुंठपुर जिला कोरिया छत्तीसगढ़, के नाम से प्रस्तुत किया गया.
इस बिल में वाहन के 454 कि.मी. चलने का उल्लेख था. न्यायमूर्ति की पूरी यात्रा अधिकतम 125 किलोमीटर से अधिक नहीं हुई है. फिर उपरोक्त सोल्ड इनोवा वाहन के बिल में कुल यात्रा 454 किलोमीटर दर्शाई गई है. न्यायमूर्ति दिनांक.19.11.2016 को कोरिया आए और इसी दिनांक को कोरिया से वापस लौट गए. फिर उपरोक्त सोल्ड इनोवा वाहन को दिनांक.19.11.2016 से 20.11.2016 तक लगाया गया. न्यायमूर्ति कोरिया से दिनांक 19.11.2016 को लौट गए थे. इस इनोवा वाहन को ₹ 2000 नाइट हाल्ट का दिया गया.
कार्यालय कलेक्टर कोरिया के जिम्मेदार अधिकारी के इस तथ्य के आधार पर आरटीआई कार्यकर्ता ने दिनांक 15.06.2018 को थाना प्रभारी चरचा के समक्ष छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के कोरिया आगमन में लगाई गई वाहन का कार्यालय कलेक्टर कोरिया के जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा आवश्यकता से अधिक भुगतान, शासकीय धन का दुरुपयोग व किसी अन्य व्यक्ति को धन संबंधी लाभ पहुंचाने के कारण आरोपी के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा.409 व अन्य धाराओं पर प्राथमिकी दर्ज करने बाबत संज्ञेय अपराध की सूचना दिया गया.
संज्ञेय अपराध की सूचना पर अपराधिक प्रकरण दर्ज नही होने पर आरटीआई कार्यकर्ता ने पुलिस अधीक्षक कोरिया और पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज अंबिकापुर कोे कई पत्र दिया. पुलिस महानिरीक्षक के द्वारा पुलिस अधीक्षक कोरिया को दिनांक 26.12.2018 को पत्र लिखकर तात्काल अविलंब विधि सम्मत कार्यवाही करने का निर्देष दिया गया. इस निर्देष के करीब 6 माह बाद भी अब तक प्रथामिकी दर्ज नही किया गया. चरचा थाना प्रभारी का यह कार्य माननीय सर्वोच्य न्यायालय संविधान पीठ के 5 न्यायमुर्ति द्वारा दिए गए निर्देश के विपरीत था.
इस कारण आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में रिट याचिका प्रस्तुत की. इस आपराधिक रिट याचिका में एकल पीठ द्वारा इस निर्देश के साथ प्रकरण को निराकृत कर दिया गया कि पुलिस अधीक्षक कोरिया और पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज के द्वारा 6 माह के भीतर संपूर्ण जांच कर कार्रवाई करें.
आरटीआई कार्यकर्ता के उपरोक्त संज्ञेय अपराध की सूचना के करीब 14 माह बाद भी थाना प्रभारी चर्चा के द्वारा प्राथमिकी दर्ज नही किया गया है. आरटीआई कार्यकर्ता ने अपने रिट याचिका में तीन बिंदुओं का मांग किया था. संज्ञेय अपराध की सूचना पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाय, एैसे अपराध पर प्राथमिकी दर्ज ना करने वाले पुलिस अधिकारी के विरूद्ध आपराधिक व विभागीय जांच किया जाय, जैसा कि सर्वोच्य न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरण में निर्देषित किया गया है तथा उक्त याचिका में उपरोक्त लाभ के अतिरिक्त अन्य जो लाभ होता हो दिया जाए.